नई दिल्ली। कोरोना की वजह से देश की अर्थव्यवस्था की हालत बिगड़ी हुई है। वहीं आम आदमी से लेकर बड़े उद्योगपति भी सरकार की तरफ उम्मीद लगाए बैठे हुए हैं। कि सरकार कोई पैकेज देगी या ऐसा ऐलान जिससे उन्हें राहत मिल सकेगा । COVID-19 संकट के चलते चालू वित्त वर्ष के उधारी में इजाफा कर दिया है ।
खबर है कि सरकार ने वित्तीय वर्ष 20-21 में 12 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का फैसला किया है। जो कि सरकार द्वारा निर्धारित उधारी के लक्ष्य से 4.20 लाख करोड़ रुपये ज्यादा होगी। तो ऐसे में कई लोगो के मन में आ रहा है, की सरकार इन उधार के पैसों से सिर्फ राहत पैकेज देगी या अब सरकार का अलग कदम क्या होगा ऐसे बहुत सारे सवाल आपके दिमाग में आ रहे है।
सरकार बैंकों, दूसरे निवेशकोंऔर संस्थाओं को बॉन्ड जारी करके पैसे जुटाती है। सरकार के पास इसके अलावा भी दूसरे तरीके है जिससे वह पैसे जुटा सकती है। इन तरीकों में टैक्स वसूली और विनिवेश आदि शामिल हैं।
फिलहाल इस पैसे से राहत पैकेज मिलेगा मुश्किल है क्योंकि सरकार अगर राहत पैकेज की घोषणा नहीं कर रही है तो उकी सबसे बड़ी वजह है सरकारी खजाने में पैसे का न होना। थमी हुई इकोनॉमी में जान डालने के लिए सरकार को और उधार लेना होगा या फिर दूसरे तरीके अपनाने होंगे।
बाजार में मांग की स्थिति बहुत कमजोर है जिसको देखते हुए इस बात की बहुत कम संभावना है कि सरकार के उधारी बढ़ाने के फैसले से महंगाई बढ़ेगी। क्योंकि महंगाई तब बढ़ती है जब मांग ज्यादा हो और फिलहाल हमारी अर्थव्यवस्था में मांग बेहद कम है।
बॉन्ड्स की सबसे बड़ी खरीदार बैंक बनेंगे क्योंकि फिलहाल बैंकों में ही पैसा है।
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The post कोरोना संकट: अर्थव्यवस्था की हालत सुधारने बजार से कर्ज लेगी केंद्र सरकार appeared first on TRP – The Rural Press.