बिहार के झंझारपुर इलाके में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय के न्यायाधीश पर हमले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मामले में जज की शिकायत पर दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है। इसके साथ ही मामला हाईकोर्ट भी पहुंच गया है। हाईकोर्ट के आदेश पर स्पेशल सुनवाई के लिए यह मामला जस्टिस रंजन गुप्ता और जस्टिस मोहित कुमार साहा के बेंच के समक्ष रखा गया है। उधर, बिहार पुलिस एसोसिएशन का कहना है कि जांच के बाद ही सच सामने आ पाएगा।
बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर इलाके में एक अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय के न्यायाधीश पर गुरुवार को दो पुलिस अधिकारियों ने कथित तौर पर हमला किया। दोनों पुलिसकर्मियों ने जज पर हमला उस वक्त किया, जब जज कोर्ट में सुनवाई कर रहे थे। दोनों पुलिसकर्मियों को अरेस्ट करके जेल भेज दिया गया है। बताया जाता है कि घोघरडीहा पुलिस स्टेशन में तैनात एसएचओ गोपाल प्रसाद और सब-इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार दोनों को एक मामले में अदालत में पेश होना था।
आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने कोर्ट रूम में जज पर अविनाश कुमार पर कथित तौर पर हमला कर दिया और उन पर बंदूक भी तान दी। दोनों ने जज को बचाने आए वकीलों और अदालत के कर्मचारियों को भी कथित रूप से घायल कर दिया। जज अविनाश कुमार अपने फैसलों की वजह से चर्चा में बने रहते हैं। उन्होंने जिले के एसपी के बारे में भी टिप्पणी की है।
उधर, बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह का कहना है कि जांच के बाद ही सच सामने आ पाएगा। अगर पुलिस कर्मी दोषी हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन उन लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज होना चाहिए जिन्होंने पुलिस कर्मियों के साथ कोर्ट परिसर में मारपीट की थी। कानून सभी के लिए बराबर है। उनका कहना है कि किसी ने नहीं देखा कि जज के साथ क्या हुआ, लेकिन पुलिस कर्मियों के जख्म और वर्दी पर लगा खून सभी लोगों ने देखा।
मधुबनी के एसपी डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया कि झंझारपुर कोर्ट के जज और पुलिस कर्मियों के बीच धक्का-मुक्की का मामला सामने आया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर, बिफरे वकीलों ने कोर्ट का कामकाज भी स्थगित करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि पुलिस जांच निष्पक्ष तरीके से होगी।
उधर, बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह का कहना है कि जांच के बाद ही सच सामने आ पाएगा। अगर पुलिस कर्मी दोषी हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन उन लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज होना चाहिए जिन्होंने पुलिस कर्मियों के साथ कोर्ट परिसर में मारपीट की थी। कानून सभी के लिए बराबर है। उनका कहना है कि किसी ने नहीं देखा कि जज के साथ क्या हुआ, लेकिन पुलिस कर्मियों के जख्म और वर्दी पर लगा खून सभी लोगों ने देखा।
मधुबनी के एसपी डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया कि झंझारपुर कोर्ट के जज और पुलिस कर्मियों के बीच धक्का-मुक्की का मामला सामने आया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर, बिफरे वकीलों ने कोर्ट का कामकाज भी स्थगित करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि पुलिस जांच निष्पक्ष तरीके से होगी।