बुलंदशहर 2 मई 2020। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सोशल डिस्टेंसिंग नियमों को धता बताकर सड़क पर घूम रहे एक कार में ड्राइवर समेत सवार तीन लोगों को एक कॉन्स्टेबल ने रोक लिया। कॉन्स्टेबल अरुण कुमार ने उन्हें कोरोना वायरस का खौफ और लॉकडाउन के नियम समझाए। अरुण कुमार को इस बात की भनक नहीं थी कि उस प्राइवेट कार में डीएम रवींद्र कुमार थे और वह औचक निरिक्षण पर निकले थे। कॉन्स्टेबल ने उन्हें स्पीच देने के बाद चेतावनी देकर छोड़ दिया।
इस घटना के कुछ घंटों बाद अरुण कुमार को डीएम से एक प्रशंसा पत्र मिला और एसएसपी ने उन्हें 2,000 रुपये का इनाम दिया। इसके बाद अरुण कुमार को पता चला कि लॉकडाउन के बीच जिले के वरिष्ठ अधिकारी अपने निजी वाहनों में जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए औचक निरीक्षण कर रहे थे।
दरअसल, जिलाधिकारी पूरे शहर का भ्रमण करने के बाद सिकंदराबाद पहुंचे थे। जब वह दनकौर तिराहे पर अपनी वैगनआर कार लेकर पहुंचे तो यहां पर सिंकदराबाद कोतवाली में तैनात सिपाही अरुण कुमार ने ड्यूटी के दौरान उनकी कार रोक ली। उन्होंने चालक से पूछा कि वह लॉकडाउन के बाद भी कार लेकर घूम रहा है। इस दौरान डीएम ने अपने चेहरे पर मास्क लगा रखा था। कार में दो और लोग पीछे बैठे थे।
सिपाही ने सभी को समझाया कि एक कार में दो लोगों से अधिक नहीं बैठ सकते। आप चार बैठे है। यह लॉकडाउन का सीधा उल्लंघन है। इसलिए अब वह उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा और कार का चालान भी करेगा। हालांकि उस दौरान कांस्टेबल ने उन्हें चेतावनी देकर जाने दिया और अगली बार बेवजह इस तरह नहीं घूमने की चेतावनी दी।
हालांकि जब कुछ देर बाद कलेक्टर की तरफ से कांस्टेबल के पास एक प्रशंसा पत्र पहुंचा और बाद में एसएसपी उन्हें पुरस्कृत करने पहुंचे, तब उसे मालूम पड़ा कि जिस कार को उसने रोका था, दरअसल वो कलेक्टर की कार थी।
The post …जब कलेक्टर की कार को कांस्टेबल ने रोक दिया…. लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर दे दी नसीहत… फिर जानिये क्या हुआ उस कांस्टेबल के साथ appeared first on NPG | A Complete News Website.