शिव शंकर साहनी@अंबिकापुर। जिले का मेडिकल कॉलेज अस्पताल जहां मरीज के परिजनों को स्वास्थ्य कर्मचारियों का काम करना पड़ता है। बीती रात स्वास्थ विभाग की लापरवाही की वजह से ऑक्सीजन नहीं मिलने पर मरीज की जान चली गई। परिजनों ने नर्सों पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है। अस्पताल प्रबंधन ने टीम गठित कर जांच करने का आश्वासन दिया है।
दरसअल सरगुजा संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने के साथ ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी है। जहां 650 से अधिक बेड के रूप में संचालित किया जा रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही उस वक्त सामने आई जब सूरजपुर के जिला अस्पताल से रेफर होकर मरीज व मरीज के परिजन इलाज के लिए अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। जहां इलाज के लिए उन्हें भर्ती किया गया। नर्सो के द्वारा बिना देखभाल और ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह मरीज की जान चली गई। परिजनों ने कहा कि अगर पैसे होते तो जिला अस्पताल कभी नहीं आते, प्राइवेट अस्पताल में इलाज करने जाते हैं साथ ही परिजनों द्वारा कई बार बुलाने के बावजूद भी नर्स नहीं पहुंचे और पिता की जान चली गई। अस्पताल में दूसरे मरीज के परिजनों ने भी स्वास्थ्य कर्मचारियों पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है।
इधर इलाज में लापरवाही को लेकर अस्पताल प्रबंधन से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि स्टाफ नर्सो का आचरण और बुलाने पर नहीं आने की समस्याओं सहित ऑक्सीजन नही मिलने की जांच के लिए टीम गठित की जाएगी साथ ही अस्पताल प्रबंधन ने भी माना की गरीब तबके के लोग पैसे नही होने पर ही शासकीय अस्पताल में जाते हैं नही तो बड़े-बड़े प्राईवेट अस्पताल में इलाज के लिए जाते।
बहरहाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पहली बार लापरवाही की बात नहीं है। इससे पहले भी इस तरह से लापरवाही का मामला सामने आता रहा है। बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन की सावट का कोई असर स्वास्थ्य कर्मचारियों पर नहीं दिखता। यही वजह है कि अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मचारी की लापरवाही के साथ मरीज व मरीज के परिजनों के साथ अभद्र व्यवहार की शिकायतें लगातार मिलती रहती हैं। फिर भी इलाज के नाम पर दिखावा साबित हो रहा है।