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आदिवासियों के हित संरक्षण और उनके उत्थान के लिए हो रहे निरंतर कार्य-भूपेश

कवर्धा  10 अक्टूबर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में हमारी सरकार के बनते ही आदिवासियों के हित संरक्षण और उनके उत्थान के लिए लगातार कार्य हो रहे है।

श्री बघेल ने आज यहां आयोजित आदिवासी समाज सम्मेलन में आदिवासी समाज को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में हमारी सरकार के बनते ही आदिवासियों के हित संरक्षण और उनके उत्थान के लिए लगातार कार्य हो रहे है। उन्होंने  कहा कि राज्य में आरक्षण के लाभ से आदिवासी वंचित नहीं होंगे। इसके लिए आदिवासी समाज को किसी भी तरह से चिंतित होने की जरूरत नहीं है। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव, वन मोहम्मद अकबर, पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर सहित आदिवासी समाज के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

उन्होने इस दौरान आदिवासी समाज की मांग पर विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समाज की संस्कृति के प्रचार-प्रसार तथा उसके संरक्षण और संवर्धन के लिए भोरमदेव में बैगा आदिवासी समाज के संग्रहालय निर्माण की घोषणा की। साथ ही उन्होंने कवर्धा स्थित पोस्ट मैट्रिक छात्रावास को 50 सीटर से बढ़ाकर 100 सीटर में उन्नयन करने और आदिवासी मंगल भवन कवर्धा में अतिरिक्त कमरा के निर्माण की भी घोषणा की। इसके अलावा श्री बघेल ने विकासखंड बोड़ला के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला रेंगाखार जंगल की छात्रा कु. राधना मेरावी के आईआईटी खडगपुर में चयन होने पर उन्हें उच्च शिक्षा के लिए तीन लाख रूपये प्रदान करने की घोषणा की।

श्री बघेल ने कहा कि राज्य में आदिवासियों की भलाई के लिए आदिवासी समाज की जरूरतों और अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर अनेक योजनाएं बनाई गई है और इनका पूरी संवेदनशीलता के साथ क्रियान्वयन कर उन्हें आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। इसके तहत राज्य में आदिवासी संस्कृति को नई पहचान और बढ़ावा देने के लिए देवगुड़ी तथा घोटूल का विकास प्राथमिकता से किया जा रहा है। इस तरह देवगुडियों और घोटूलों के संरक्षण और संवर्धन से राज्य में आदिम जीवन मूल्यों को पुर्नजीवित कर सहेजा एवं संवरा जा रहा है।

इस अवसर पर गोड़ तथा बैगा समाज के पदाधिकारी तथा वरिष्ठजन राजा योगेश्वर राज, सी.आर. राज, मुखी राम मरकाम, ईतवारी राम मछिया, गजराज सिंह टेकाम, प्रभाती मरकाम, डॉ. संतोष धुर्वे, श्रीमती मीनाक्षी धुर्वे, पुसुराम बैगा, तुलसी राम सुरखिया, सेमलाल पड़िया, श्रीमती दसभी पड़िया, संबल सिंह बैगा आदि उपस्थित थे।

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