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एनएमडीसी का उत्पादन ठप, हड़ताल से देश को अरबों का नुकसान

शिवेंदु त्रिवेदी@दंतेवाड़ा। बैलाडीला एनएमडीसी क्षेत्र में बंद का व्यापक असर लौह अयस्क खदानों में उत्पादन ठप होने से हुआ। देश को अरबों का नुकसान हुआ है। संयुक्त किसान मोर्चा,संयुक्त राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन एवं राष्ट्रीय फेडरेशन के आह्वान पर 16 फरवरी 2024 को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल बुलाई गई है। जिसमें इंटक एवं एटक संघर्ष समिति के तत्वाधान में किरन्दुल में भी शुक्रवार सुबह 4 बजे से हड़ताल किया जा रहा हैं।

बता दें एनएमडीसी चेक पोस्ट में सुबह से ही श्रमिक संघ के सदस्य हड़ताल पर में जुटे हुए हैं। जिसके कारण खनन कार्य एवं सभी प्लांट बंद हैं।जिससे एनएमडीसी को करोडों का नुकसान होगा।एसकेएमएस के सचिव राजेश संधू एवं इंटक सचिव एके सिंह ने बताया कि ट्रेड यूनियनों और मजदूरों व किसानों के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय हड़ताल किया जा रहा हैं। जिसमें सार्वजनिक उपकरण का विनिवेश एवं निजीकरण बंद करने, मौलिक अधिकार के रूप में रोजगार की गारंटी, रेलवे, रक्षा, बिजली, कोयला, तेल, इस्पात, दूरसंचार, डाक, परिवहन, हवाई अड्डे, बंदरगाह, और बैंक बीमा आदि उपक्रम का निजीकरण बंद किया जाए।

कॉर्पोरेट एवं सांप्रदायिक गठजोड़ की विनाशकारी, विभाजनकारी नीति शासन का विरोध करने और निर्णायक रूप से हराने का और उसके स्थान पर श्रमिक समर्थन, किसान समर्थक, जन समर्थन नीतियां लागू करने का आह्वान। श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 26000 प्रतिमाह दिया जावे, श्रम संहिताओं को निरस्त किया जावे, आईपीसी सीआरपीसी में किए गए कठोर संशोधनों का निरस्त करना, शिक्षा और स्वास्थ्य का निजीकरण बंद करना, प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष 200 दिनों की काम और ₹600 दैनिक वेतन के साथ मनरेगा को मजबूत करना। पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना।भारत के संविधान में निहित लोकतंत्र फेडरेलिज्म धर्म विस्तार समाजवाद के मूल सिद्धांतों की रक्षा करना इसके साथ ही अन्य मांगें शामिल हैं।

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