Gajendra Singh Shekhawat Biography Hindi, Age, Wiki, Wife, Family, Chunav Chetr, Date of Birth, Wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth: गजेंद्र सिंह शेखावत का जन्म 3 अक्टूबर, 1967 को राजस्थान के जैसलमेर जिले के मेहरोली नामक गांव में हुआ. पिता का नाम शंकर सिंह शेखावत और माता का नाम मोहन सिंह कँवर था. उनके पिता सरकारी अफसर के पद से रिटायर्ड थे.
अफसर होने के कारण उनके पिता का अलग अलग स्थान पर ट्रांसफर होता रहता था और इसी कारण गजेंद्र सिंह शेखावत को अलग अलग स्थानों पर जाकर शिक्षा पाने का अवसर मिला. अलग अलग स्थानों की संस्कृति, रहन सहन समझने व जानने का भरपूर अवसर मिला. 24 नवंबर, 1993 को गजेंद्र सिंह शेखावत का विवाह नौनंद कँवर के साथ हुआ. उनके एक बेटा और दो बेटी है. वर्तमान में गजेंद्र सिंह शेखावत की उम्र 55 वर्ष (Gajendra Singh Shekhawat Age) है.
गजेंद्र सिंह शेखावत का राजनीतिक करियर
शेखावत साहब की राजनीतिक यात्रा रोचक रही है. शेखावत साहब विद्यार्थी जीवन से ही छात्र राजनीति में सक्रीय रहें है. उन्ही दिनों शेखावत साहब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़ गएँ थे. उन्ही दिनों वह आरएसएस से भी जुड़े. कई सामाजिक सस्थाओ से भी जुड़े उन्ही में स्वदेशी जागरण व सीमा जन कल्याण समिति भी था. वह स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक और राजस्थान में सीमा क्षेत्र में विकास के लिए काम करने वाले संगठन सीमा जन कल्याण समिति के महासचिव भी रह चुके है. भारत पाकिस्तान सीमा पर 40 विद्यालय और 4 छात्रावास खुलवाने में शेखावत साहब की भी भूमिका रही है. इसके अलावा शेखावत साहब पाकिस्तान से आएं हिन्दू शरणार्थियों को फिर से अपने वतन में बसाने को लेकर अपने विद्यार्थी जीवन से ही संघर्ष किया है.
वर्ष 1992 में जोधपुर विश्वविद्यालय (जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय) से छात्र संघ का चुनाव भी लड़ा था, जिसमे उनकी जीत हुई थी. इतना ही नहीं छात्र जीवन में ही शेखावत साहब भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गएँ थे. इसके बावजूद गजेंद्र सिंह शेखावत बाद के समय में राजनीति से किनारा कर लिया था और वर्ष 1994 में व्यापार करने यानि कोई अपना काम करने के उद्देश्य से अफ्रीका का एक पूर्वी देश इथोपिया चले गए. वहां जाकर उन्होंने वहां की जमीनों को खरीदा और उन्ही जमीनों पर खेती करना आरम्भ कर दिया. लेकिन उनके मन में राजनीति बसी हुई थी.
इसलिए उनकी राजनीति वाली इच्छा ने उन्हें फिर से स्वदेश लौटने को विवश किया. बीस वर्ष के बाद यानि 2014 में गजेंद्र सिंह चौहान भारत लौट आये और भारत लौटते ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी से पूर्व का रिश्ता काम आया और उन्हें 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए टिकट मिल गया. विदेश से वापस अपने देश लौटने के बाद वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जोधपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और चुनाव का परिणाम अति रोचक रहा. शेखावत साहब ने कांग्रेस की उम्मीदवार रही चंद्रेश कुमारी को 4 लाख 10 हजार 51 मतों के भारी अंतर से पराजित करके अपनी पहली जीत पक्की की. वर्ष 2017 में उन्हें कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री का पद दिया गया.
साल 2019 में हुए 17वीं लोकसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें ही फिर टिकट दिया और पार्टी का विश्वास बनाये रखते हुए इस बार शेखावत साहब एक बार फिर अच्छे मतों से जीत हासिल करने में सफल रहें. लेकिन इस बार उनका सामना राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता व तात्कालिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत से था. लेकिन उन्होंने वैभव गहलोत को जोधपुर लोकसभा के चुनाव में 2.74 लाख के भारी मतों से पराजित किया और एक बार फिर वह सांसद बनकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
पहली जीत के बाद जहाँ उन्हें मोदी सरकार में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री बनाया गया था तो दूसरी जीत के बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया. वर्तमान में वह केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री है. मंत्री होने के साथ साथ शेखावत साहब भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव भी है. उनकी प्रमुख उपलब्धियों में जोधपुर हवाई अड्डा का विस्तार और सीमावर्ती क्षेत्रो में विद्यालयों की संख्या में वृद्धि कराना है.
गजेंद्र सिंह शेखावत के संभाले गए पद