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डीईओ का तुगलकी फरमान…महिलाएं करेगी देर रात्रि तक काम…जिन्हें कम्प्यूटर की ABCD नहीं मालूम..चलाएंगे कम्प्यूटर

बिलासपुर— राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना का कार्म प्रदेश स्तर पर जोरों पर है। बिलासपुर समेत प्रदेश भर में योजना को लेकर महिलाओं में होड़ है। ज्यादा से ज्यादा महिलाएं योजना का लाभ लेने इधर उधर दौड़ रही हैं। आवेदन या तो आनलाइन भर रही है । या फिर निर्धारित स्थान पर पहुंचकर फार्म जमा कर रही है। कर्मचारियों ने योजना को लेकर दिन रात एक कर दिया है। लेकिन जिला शिक्षा विभाग के एक आदेश ने महिला शिक्षकों के होश उड़ा दिए हैं। आदेश में ऐसे शिक्षकों को डाटा अपलोड करने का जिम्मा दिया गया है। जिन्हें कम्प्यूटर की एबीसीसीडी तक जानकारी नहीं है।  इतना ही नहीं शिक्षिकाओं की ड्यूटी रात्रि में लगाया गया है। इस बात को लेकर सभी में जमकर नाराजगी है।

महिलाओं में मची होड़

प्रदेश के अन्य जिलों की ही तरह बिलासपुर जिले में भी महतारी वंदन योजना को लेकर जमकर होड़ है। निगम क्षेत्र में बनाए गए केंद्रों में योजना का लाभ लेने महिलाओं की जमकर भीड़ देखने को मिल रही है। केन्द्रों में महिलाओं से फार्म जमा करवाया जा रहा है। अब आवेदनों का ऑनलाइन बहुत बड़ी चुनौती है।

ना सोचा..ना समझा जारी हो गयी सूची

जैसा की मालूम है कि शासन की  किसी भी समस्या का समाधान शिक्षको के पास ही होता है। जाहिर सी बात है कि महतारी वंदन योजना को लेकर भी शासन कुछ ऐसा समझता है। महिला बाल विकास की महतारी वंदन योजना का ऑनलाइन करने शिक्षको की ड्यूटी लगायी गयी है। इसी क्रम में देर शाम शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन कार्य करने वाले शिक्षकों की एक बड़ी लिस्ट जारी किया है। आदेश जारी करते समय इस बात का भी ध्यान नही दिया गया कि परीक्षा के समय शिक्षकों से गैर शिक्षकीय काम लेना छात्रों के हितों के साथ खिलवाड़ है। यह जानते हुए भी कि सिर पर आम चुनाव भी है। चुनाव कार्यक्रम में पहले से ही ज्यादातर शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं।

महतारी वंदन योजना में ड्यूटी लगाते समय जिला शिक्षा विभाग ने बच्चों की परीक्षा को भी नजरअंदाज किया है। इस बात को लेकर ना केवल बच्चे बल्कि अभिभावक और शिक्षकों में नाराजगी है।

दो शिफ्ट में होगा काम

मजेदार बात है कि सम्भवतःप्रदेश में बिलासपुर एकलौता जिला है..जहां महतारी वंदन योजना को लेकर ऑनलाइन का काम सुबह 9 बजे से रात्रि 10 बजे तक दो पालियों में किया जा रहा है। कई महिला शिक्षको की ड्यूटी रात्रि की शिफ्ट में लगायी गयी है। समझने वाली बात है कि शिक्षा विभाग क्या देर रात्रि इन शिक्षिकाओं को काम काज के बाद घर पहुँचाने की व्यवस्था करेगा।  या देर रात भगवान भरोसे छोड़ देगा।

तुगलकी फरमान ने महतारी को रूलाया

महिलाओं ने जिला शिक्षा विभाग के तुलगकी फरमान सामने आने पर आक्रोश जाहिर किया है। एक महिला शिक्षिका ने रोते हुए बताया कि घर मे छोटे छोटे बच्चे हैं। परिवार की सारी जिम्मेदारी उसके सिर पर है। घर में कोई बड़ा सदस्य भी नहीं है। रात्रि दस बजे तक काम करूंगी तो बच्चों को कौन संभालेगा।  सम्पूर्ण दायित्व होने के कारण उन्होंने जब अधिकारी से रात्रि शिफ्ट से नाम हटाने का अनुरोध किया। उन्होंने ऊपर से आदेश का हवाला देकर निवेदन को टाल दिया। समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा कौन सा आदेश है जो केवल बिलासपुर जिले के लिए है…सवाल पर अधिकारी ने कुछ नहीं बोला।

कम्प्यटर का एबीसीडी नहीं पता

मजेदार बात यह भी है कि ऑनलाइन कार्य मे उन शिक्षको की ड्यूटी लगाई गई है जिन्हें कंप्यूटर का एबीसीडी नहीं पता है। सवाल तो उठेगा ही कि जिन्हें कम्प्यूटर की जानकारी नहीं है वह भला क्या डाटा भरेंगे। या फार्म आवेदनों को अपलोड करेंगे।

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