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धर्मनगरी की शान को धूमिल करने में लगा नगरीय प्रशासन, सड़के खराब, झिल्लियों का लगा अंबार

गोवर्धन सिन्हा@डोंगरगढ़. आज आपको एक ऐसी विख्यात स्थान से रूबर कराना चाहते है जो किसी तारीफ की मोहताज नहीं है। उनके बलबूते पर आज वह स्थान धर्मनगरी के नाम पर संस्कारधानी का हिस्सा है। माॅ बम्लेश्वरी देवी की नगरी डोगरगढ़ में हाल ही के दिनों में मातारानी के दरबार में नवरात्र मेला का भव्य आयोजन हुआ। जिसमें माता के भक्तजन, श्रद्धालुओं का माता के प्रति अटूट आस्था और विश्वास के लिए रिकॉर्ड तोड़ दर्शन करनें आये। माँ बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट द्वारा अपनें स्तर पर सारी व्यवस्थाएँ की गई थी। वहीं नगरीय प्रशासन द्वारा भी नवरात्र मेले पर कुछ गिनती की व्यवस्थाएँ हुई। जिसमें सड़क जो हिचकोले लेते थे उन्हें मलबा, बजरी, डस्ट डालकर दबानें की भरपूर कोशिशें की गई, लेकिन मेले के मध्य अचानक हुई। थोडे़ बारिश नें लिपापोती को धोकर पोल खोलकर रख दी और ज्यों का त्यों हो गया। सारी अव्यवस्थाओं के बीच नवरात्र का पर्व सुखद पूर्वक रहा, लेकिन नगरपालिका डोंगरगढ़ द्वारा मेला ग्राऊंड से माँ बम्लेश्वरी मंदिर तक की साफ-सफाई चरमरायी हुई है। सभी जगह झिल्लियों का अंबार है। एक तरफ छोटे-छोटे दुकानदारों से पाॅलिथीन बैन का हवाला देते हुए 100/- से 500/- तक का चालान काटा जा रहा था।

नगर के इकट्ठे किये गए कूड़े-करकट, झिल्लियों से गड्ढा भरने की जा रही कवायद

माँ बम्लेश्वरी पार्किंग स्थल की बात करें तो स्थान में वाहन रखरखाव हेतु काफी जगह है, जिसमें अधिक जगह उबड़-खाबड़, अव्यवस्थित है। वहीं उसी स्थान से बधियाटोला के बीच पुल के ठीक पहले भी थोड़ा ढलान है। जहां पर नवरात्रि के पूर्व नगर के इकटठे किए हुए कचरे, झिल्लियों, मल इत्यादि को लाकर पाटा जा रहा है। जिसमें से लगातार असहनीय बदबू प्रवाहित हो रही है। मानो किसी फैक्ट्री से जहरिली गैस निकल रहा हो। जबकि आसपास रिहायशी इलाका है बावजूद पालिका द्वारा यह हरकत की जा रही है। नगरपालिका की वाहन रोजाना उस गड्ढों को झिल्लियों से भरनें का भरकस प्रयास किया जा रहा है। जब ढेर अधिक हो जाया करता है तब की स्थिति में उसमे आग लगा दिया जाता है। जिसका धुंआ लगातार देखा जा सकता है जो आज भी जारी है।

सब देख मंदिर ट्रस्ट मौन, आखिर जिम्मेदार कौन?

वहीं पालिका द्वारा पाटे जा रहे झिल्लियों, गंदगियों को भटकते आवारा पशुओं द्वारा आहार समझकर खा रहे हैं, जो पाचन क्रिया को खराब करती है। जिससे उनकी मौतें हो रही है। जिसका जिम्मेदार पालिका ही है। माँ बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति भी उतना ही जिम्मेदार है मंदिर ट्रस्ट की भूमिका भी कम नहीं है। जितना पालिका जिम्मेदार है उतना ही मंदिर ट्रस्ट भी है, क्योंकि मंदिर से निकलनें वाली एवं होटल से निकलनें वाली अपशिष्ट पदार्थों को डाला जाता है। यदि कोई पड़ोसी अपनें घर का कचरा दूसरे के घर के सामनें डालें और वह मूक दर्शक बनकर देखता रहे, उससे बड़ा दोषी कोई और नहीं… समूचे नगर में यह आलम है सभी वार्डों में यही स्थिति है, स्वच्छता सर्वेक्षण के नाम पर बैनर, पोस्टर (विज्ञापन) लगाकर अपना वाहवाही लूटनें में कम नहीं है।

विद्युत व्यवस्था नहीं कर एक दूसरे की मुंह ताकते निकल गए नवरात्र पर्व

वहीं माँ बम्लेश्वरी मंदिर मुख्य द्वार, पार्किंग से बधियाटोला मार्ग पूरे नवरात्र भर बिना बिजली सुविधा के अंधेरे में ही निकल गया। नाममात्र के लिए 4 से 6 खंभे लगाए गए थे। इसी अव्यवस्था से अंधेरामय नवरात्र पर्व भक्तों के लिए रहा।

https://www.khabar36.com/urban-administration-engaged-in-tarnishing-the-pride-of-dharmanagari/