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बंदूक की गोली से जलाई होली, वर्षों से टोंक रियायत से जुड़ा परिवार निभा रहा परंपरा

संदीप शर्मा, विदिशा। देशभर में होली के त्योहार की धूम है। जगह जगह होलिका दहन किया जा रहा है। वहीं मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के अंतर्गत आने वाले सिरोंज में होली जलाने की अनोखी परंपरा है। यहां सैड़कों साल से बंदूक की गोली से निकलने वाली आग से होली जलाने की परंपरा है। बंदूक की गोली से जलने वाली होलिका को शहर के एक मुख्य स्थान पर जलाया जाता है। इसके बाद इसी बड़ी होली की आग को ले जाकर नगर के अन्य स्थानों पर होली जलाई जाती है। आज भी शहर में रहे वाला कानूनगो माथुर परिवार इस परंपरा का निर्वाहन कर रहा है।

जिले के सिरोंज में बीते कई वर्षों से बंदूक की गोली से निकलने वाली आग से होलिका दहन करने की परंपरा चली आ रही है। इस संबंध में आचार्य पंडित नलिनीकांत शर्मा का कहना है कि बड़ी होली होलकर राज्य में रावजी की होली कहलाती थी। उस समय भी सूखी घास रुई आदि रखकर बंदूक से फायर कर आग जलाई जाती थी। बाद में होलकर स्टेट के कानूनगो परिवार ने बंदूक से फायर कर होली जलाने लगे, जो उसी तर्ज पर आज भी जारी है।

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परिवार के वंशज महेश माथुर ने एक कथा भी इस संदर्भ में बताई। उन्होंने कहा कि जब सिरोंज में नवाबी शासन आया तो होली की इस परंपरा पर रोक लगाने का प्रयास किया गया। होली के चबूतरे पर घास का एक ढेर लगा दिया, जिस पर उनके पूर्वजों ने बंदूक से फायर कर होली जला दी थी। उसके बाद पीढ़ी दर पीढ़ी ये परंपरा इसी तरह से चली आ रही है।

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खास बात यह की आदर्श आचार संहिता लगी होने के कारण इसमें कुछ बाधा आने की संभावना थी, जिसे देखते हुए आयोजकों ने पुलिस और अनुविभागीय अधिकारी से विशेष अनुमति लेकर बंदूक रखने और उसे इस परंपरा का निर्वहन करने के संबंध में अनुमति मांगी थी। वहीं इस पूरे मामले को लेकर विदिशा जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत चौबे ने कहा कि पुलिस का कार्य है कि सभी परंपराओं का निर्वहन करते हुए कार्यक्रम आयोजित किए जाए। सिरोंज में आयोजित इस प्रकार के आयोजन को भी पूरी परंपरा के अनुसार मनाए जाने का अधिकार है। विशेष अनुमति देकर बंदूक को भी माथुर परिवार को सौंपा गया है।

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