Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
बेमेतरा : वर्मी खाद उत्पादन के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार प्राप्त कर महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर

बेमेतरा 26 मई 2023 : छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना को लेकर ग्रामीणों और किसानों में उत्साह है। इस योजना के तहत स्व सहायता समूह की महिलाएं गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद के उत्पादन में जुटी है। जिले के सभी गौठानों में गोबर की खरीदी और वर्मी खाद तैयार करने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है।

इसी क्रम में हम बात कर रहे हैं तहसील बेमेतरा के ग्राम झालम की महिला स्व-सहायता समूह की जो गोठान में वर्मी खाद का निर्माण कर रहे हैं। इस समूह के सदस्य गीता पति शंकर वैष्णव ने बताया कि उनके समूह का नाम जय मॉ सरस्वती महिला स्व-सहायता समूह है,

समूह में कुल दस सदस्य है। पहले वे अपने परिवार के भरण पोषण के लिए मजदूरी और खेती-बाड़ी का कार्य करती थी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी और आय का अन्य स्रोत भीं नहीं था जिसमे परिवार कर्जे में चला गया था।

यह भी पढ़ें:-गौठानों के माध्यम से पशु उद्यमी सखियों को मिल रही है आर्थिक मजबूती

फिर उन्होने गांव के अन्य महिलाओं के साथ मिलकर समूह बनाया और छत्तीसगढ़ शासन की महात्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना से जुड़ी और कृषि विभाग के आत्मा योजनांतर्गत उनके समूह को निः शुल्क केचुआ प्रदाय किया गया एवं केचुआ खाद उत्पादन हेतु प्रशिक्षण दिया गया द्य खाद बनाने की प्रक्रिया और साधनों हेतु समय-समय पर कृषि अधिकारियों के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त कर सफलतापूर्वक वर्मी खाद का उत्पादन समूह द्वारा किया जा रहा है।

समूह की महिलाएं केंचुआ खाद के साथ केंचुआ का भी उत्पादन कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर रही है। अब तक 580.70 क्विंटल केंचुआ खाद का उत्पादन किया गया और 227634.00 रू. खाद का विक्रय किया गया। गीता वैष्णव कहती है कि गोधन न्याय योजना से हमें रोजगार प्राप्त हुआ और अपना कर्ज भी चुका दिया।

इससे मेरी व समूह के अन्य महिलाओं के जीवन में काफी आर्थिक सुधार हुआ है। सभी महिलाएं समूह में काम कर बहुत खुश और उत्साहित है साथ ही गौठान ग्राम के अन्य समूह जैसे आदिवासी महिला स्व-सहायता समूह द्वारा सब्जी उत्पादन करके 8000 रू. लाभ प्राप्त किए।

The post बेमेतरा : वर्मी खाद उत्पादन के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार प्राप्त कर महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर appeared first on Clipper28.

https://clipper28.com/hi/bemetara-women-are-becoming-self-sufficient-by-getting-employment-at-the-local-level-through-vermicompost-production/