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राजनांदगांव : कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीडऩ के संबंध में कार्यशाला संपन्न

– कार्यशाला में यौन उत्पीडऩ रोकथाम और निवारण के संबंध में दी गई जानकारियां
राजनांदगांव 26 फरवरी 2024। महिला एवं बाल विकास विभाग राजनांदगांव द्वारा आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीडऩ के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यशाला एवं जागरूकता कार्यक्रम में यौन उत्पीडऩ रोकथाम, निषेध  और निवारण के संबंध में जानकारियां दी गई।  जिसमें महिलाओं का कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 अंतर्गत विभिन्न विभागों में गठित आंतरिक परिवाद समितियों के अध्यक्ष व सदस्यों एवं जिले के स्थानीय स्तर में गठित शिकायत समिति के सदस्यों सहित अन्य लोग शामिल हुए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती गुरूप्रीत कौर ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को कार्यस्थल पर गरिमा प्रदान करने के लिए कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ की रोकथाम का प्रभावी क्रियान्वयन करने इस अधिनियम की जानकारी सभी महिला कर्मियों को होना चाहिए, चाहे वे किसी भी क्षेत्र में कार्य कर रही हो। इस अधिनियम के लिए व्यापक जागरूकता लाए जाने के प्रयोजन से ही कार्यशाला जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीडऩ की रोकथाम अधिनियम का उद्देश्य कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ की घटनाओं को रोकना, उत्पीडऩ की घटनाओं से निपटने व इनके समाधान और दोषी व्यक्ति को सजा दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाते हुए कार्यप्रणाली तैयार करना, कार्यस्थल पर कार्य का सुरक्षित वातावरण मुहैया कराना है। उन्होंने कहा कि जिस कार्यस्थल पर 10 से अधिक की संख्या में लोग काम करते हैं। वहां आंतरिक परिवाद समिति का गठन जरूरी है। जहां 10 से कम हों, वहां स्थानीय परिवाद समिति बनेगी। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि जहां महिला हो, वहीं समिति गठित हो। जहां पुरुष भी 10 से ज्यादा होंगे, वहां समिति का गठन जरूरी है। समिति की बैठक हर 3 माह में आयोजित करना आवश्यक है। यदि नियोक्ता द्वारा समिति का गठन नहीं करने पर 50 हजार रूपए तक का जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि आंतरिक परिवाद समिति में शिकायत मिलने पर 90 दिन के भीतर निराकरण करना होगा।
कार्यशाला में पूर्व सदस्य किशोर न्याय बोर्ड राजनांदगांव एवं राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर श्री विपिन ठाकुर ने महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ की रोकथाम एवं निवारण अधिनियम 2013 के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया की पुरूष और महिला को समान अधिकार है। सुरक्षा के लिए संवैधानिक प्रावधान एक समान है। उन्होंने महिलाओं को सजग रहने कहा। उन्होंने कहा कि नियोजक द्वारा विभाग में स्वीकृत पदों के आधार पर समिति का गठन करना आवश्यक है। जिसमें 50 प्रतिशत महिला कर्मचारियों की सदस्यता होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि संगठन या संस्थान जिनमें 10 से अधिक कर्मचारी हैं, आंतरिक शिकायत समिति गठित करने के लिए बाध्य है। नियोक्ता द्वारा यौन उत्पीडऩ संबंधी नीति और आंतरिक शिकायत समिति की स्थापना की जानकारी कार्यालय के सूचना पटल पर चस्पा करना चाहिए, जिससे कार्यालय के सभी कर्मचारियों को इसके संबंध में जानकारी हो। उन्होंने अभिव्यक्ति एप्प के संबंध में भी महिला कर्मचारियों को जानकारी दी। जिसके माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं। शिकायत मिलने पर शीघ्र पुलिस की टीम पहुंच जाएगी। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री एनएस रावटे,  जिला बाल सुरक्षा अधिकारी श्री चंद्रकिशोर लाडे, समाजसेवी श्रीमती शारदा तिवारी सहित विभिन्न विभागों के महिला कर्मचारी उपस्थित थी।

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