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वन अधिकार को मान्यता देने में छत्तीसगढ़ नं. 1

रायपुर | संवाददाता: पूरे देश में वन अधिकार क़ानून के तहत स्वामित्व अधिकार देने के मामले में छत्तीसगढ़ पहले नंबर पर है. पिछले साल 30 नवंबर तक के आंकड़ों के आधार पर, संसद में यह जानकारी जनजातीय कार्य राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडु ने पेश की.

हालांकि व्यक्तिगत दावे में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे नंबर पर है.

लेकिन देश में सर्वाधिक सामुदायिक दावे छत्तीसगढ़ में ही प्रदान किए गए हैं.

आंकड़ों के अनुसार 30 नवंबर 2022 तक देश में वन अधिकार क़ानून के तहत 44,66,617 दावे पेश किये गये थे.

इनमें से 22,49,671 दावों को मान्यता दी गई.

छत्तीसगढ़ में 8,71,457 वैयक्तिक और 50,889 सामुदायिक यानी कुल 9,22,346 दावे प्रस्तुत किए गए थे.

इनमें से 4,46,041 वैयक्तिक और 45,764 सामुदायिक यानी कुल 4,91,805 दावों को मान्यता दी गई.

यह देश में सर्वाधिक है.

हालांकि देखा जाए तो जितने दावे पेश किए गये थे, उनमें से केवल 53.32 फीसदी दावों को ही मान्यता दी गई.

इनमें से भी भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल यानी दिसंबर 2018 तक 4,01,551 वन अधिकार दावों को मान्यता दी जा चुकी थी.

यानी कांग्रेस पार्टी के पिछले चार साल के कार्यकाल में केवल 90,254 दावों पर ही मुहर लगाई गई है.

देश में दूसरा नंबर ओडिशा का है, जहां कुल 6,29,913 वैयक्तिक और 15,430 सामुदायिक यानी कुल 6,45,343 दावे प्रस्तुत किए गए थे.

इनमें से 4,54,454 वैयक्तिक और 7,706 सामुदायिक यानी कुल 4,62,160 दावों को मान्यता दी गई. यानी कुल दावों में से 71.61 फीसदी को स्वीकार किया गया.

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