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संवरेंगे बिगड़े बांस के वन, बसोड़ों, पानबरेजा परिवारों और हस्तशिल्प कारीगरों को मिलेगा लाभ

रायपुर। वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा संचालित बिगड़े बांस वनों के सुधार योजना के अंतर्गत प्रदेश में चार वर्षों के दौरान 01 लाख 9 हजार हेक्टेयर रकबा में सुधार का कार्य किया गया है।

बिगड़े बांस वनों के सुधार योजना के अंतर्गत प्रदेश के बसोड़ों, पानबरेजा परिवारों एवं बांस का काम करने वाले हस्तशिल्प कारीगरों को अधिक मात्रा में अच्छा बांस उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वन एवं वनेत्तर क्षेत्रों में बिगड़े बांस वनों का सुधार तथा बांस रोपण का कार्य कराया जाता है। इसके तहत बिगड़े बांस वनों में गुथे हुए बांस के भिर्रों की सफाई कराकर मिट्टी चढ़ाई का कार्य किया जाता है, जिससे अच्छे करले प्राप्त होते है और बांस वनों की उत्पादकता में वृद्धि भी होती है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक व्ही. श्रीनिवास राव से प्राप्त जानकारी के अनुसार योजना के अंतर्गत प्रदेश में वर्ष 2019-20 में 30 हजार हेक्टेयर, वर्ष 2020-21 में 28 हजार 970 हेक्टेयर तथा वर्ष 2021-22 में 14 हजार 600 हेक्टेयर रकबा में बिगड़े बांस वनों का सुधार कार्य किया गया है। इसी तरह वर्ष 2022-23 में माह दिसंबर तक 35 हजार 515 हेक्टेयर रकबा में बिगड़े बांस वनों का सुधार कार्य हुआ है।

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