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सबसे कम कलेक्टरी का रिकॉर्ड: गौरव सिंह दो महीने मुंगेली तो तीन महीने में बालोद से हटे, कई एसपी भी हिट विकेट

रायपुर। छत्तीसगढ़ में गौरव सिंह के नाम सबसे कम कलेक्टरी का रिकॉर्ड हो गया है। सूरजपुर में करीब एक साल के बाद मुंगेली में सिर्फ दो महीने और अब बालोद से तीन महीने में उन्हें हटा दिया गया। सीएम भूपेश बघेल हाल ही में भेंट मुलाकात में बालोद गए थे। ऐसी चर्चा है कि उन्हें भेंट मुलाकात में जो इनपुट मिले थे, उसके आधार पर हटाया गया है। कई एसपी भी इसी आधार पर हटाए गए हैं।

कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस के बाद तबादलों की बाट जोह रही ब्यूरोक्रेसी अचानक लिस्ट देखकर चौंक गई। लोगों में भी इस बात की उत्सुकता देखी गई कि अचानक यह क्या हो गया। रायगढ़ में भेंट मुलाकात के बाद पीडब्ल्यूडी अफसरों पर सीएम भूपेश बघेल की नाराजगी देखकर यह माना जा रहा था कि इस बार कलेक्टर और एसपी कांफ्रेंस में सबकुछ मीठा-मीठा नहीं होने वाला है, बल्कि कुछ के लिए यह कड़वा अनुभव भी साबित होता। इससे पहले ही सरकार ने नए अफसरों से बात करने और उन्हें अपनी मंशा से अवगत कराने का निर्णय लिया, इसलिए पहले ही बदलाव करने की बात आ रही है।

सीएम भूपेश बघेल 8-9 अक्टूबर को कलेक्टर और एसपी से वन-टू-वन बात करेंगे। इस बार की बातचीत में सिर्फ रिपोर्ट कार्ड पूछने जैसी बात नहीं है, बल्कि प्रश्न और प्रति प्रश्न का दौर होने की संभावना है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार के पास आने वाले सालभर काफी अहम हैं। इसके बाद चुनावी बिगुल बज जाएगा। कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में सीएम बघेल सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बताएंगे। भेंट मुलाकात में जो फीडबैक आए हैं, उसके आधार पर वे कामकाज में तेजी के निर्देश देंगे। कांफ्रेंस के बाद हटाने की स्थिति में नए अफसरों को संदेश नहीं जा पाता, इसलिए अब नए अफसर आएंगे।

दो-तीन माह बाद मंत्रालय

आईएएस अफसरों की बात करें तो तीन कलेक्टर बदले गए हैं। इनमें रितेश अग्रवाल सालभर से जशपुर में थे। पहले राज्य प्रशासनिक सेवा जिला पंचायत सीईओ से पटरी नहीं बैठी। फिर चर्चा है कि कुछ जनप्रतिनिधि भी कामकाज को लेकर सीएम के पास आपत्ति कर चुके थे। इस वजह से उन्हें पाठ्य पुस्तक निगम लाया गया है। यह जिम्मेदारी राजेश राणा के पास थी। गौरव सिंह का नाम देखकर सभी अफसर चौंके। इससे पहले गौरव मुंगेली जिले में दो महीने रहे। 25 अप्रैल को उनका तबादला हुआ और 28 जून को मुंगेली से बालोद कर दिया गया। अब उन्हें मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी पंचायत बनाया गया है। कुलदीप शर्मा जनवरी से कोरिया में थे। 9 महीने बाद उन्हें बालोद भेज दिया गया है।

छोटे जिले से संतोष करना पड़ेगा

अमित कांबले एसपीजी में रहे। डेपुटेशन से लौटे तो सीएम सिक्योरिटी की जिम्मेदारी मिली। इसके बाद सरगुजा जिले का एसपी बनाया गया। ज्यादा समय नहीं रह पाए और कमांडेंट बना दिए गए। अब उन्हें गरियाबंद जिला दिया गया है। उदय किरण नारायणपुर में एसपी रहते हुए ड्राइवर की पिटाई के मामले में घिरे थे। उन्हें गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला दिया गया है। इंदिरा कल्याण एलेसेला गौरेला पेंड्रा मरवाही से बड़े जिले में जाने की उम्मीद कर रहे थे। उन्हें बेमेतरा दिया गया है। बेमेतरा में 10 महीने एसपी रहे धर्मेंद्र सिंह छवई संतोषजनक काम नहीं कर पाए। उन्हें रेल में भेज दिया गया है। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी झाड़ूराम ठाकुर कमांडेंट बनाए गए हैं। राज्यपाल के परिसहाय रहे सूरज सिंह परिहार को जिला नहीं मिला। उन्हें कमांडेंट बनाया गया है।

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