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34 कांग्रेसी विधायकों की टिकट खतरे में

नेशन अलर्ट/www.nationalert.in
रायपुर। तकरीबन तीन दर्जन कांग्रेसी विधायकों की टिकट क्या वाकई खतरे में है ? क्या इतनी बड़ी संख्या में अपने मौजूदा विधायकों के स्थान पर कांग्रेस नए चेहरे उतारने का साहस दिखा पाएगी ? क्या कांग्रेस इस चुनाव में भाजपा के नक्शेकदम पर चलते हुए बड़ी संख्या में अपने उम्मीदवार बदलने जा रही है ? दरअसल, प्रदेश प्रभारी से लेकर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के हाल के वक्तव्य कुछ इसी तरह का इशारा कर रहे हैं।

कांग्रेस ने इस बार 75 विधानसभा सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में कुल जमा 90 विधानसभा क्षेत्र हैं। फिलहाल कांग्रेस के पास 71 विधानसभा सीट है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि किसानों, नवजवानों, गरीबों, दलितों और आदिवासियों के लिए किए गए अपने कार्य के आधार पर वह इतनी सीट जीतने का लक्ष्य रखे हुए हैं।

कमजोर पड़ रहे कई विधायक
पार्टी सहित मुख्यंमंत्री ने समय समय पर सर्वे का सहारा लिया है। सर्वे भले ही गोपनीय है लेकिन इससे कई विधायकों की नींद उड़ी हुई है। ये वो विधायक हैं जिन्हें उनके अपने क्षेत्र में कमजोर बताया जा रहा है। कमजोर विधायकों को पुन: मैदान में नहीं उतारने की बात मुख्यमंत्री सहित उप मुख्यमंत्री व प्रदेश प्रभारी कर चुके हैं।

राजनांदगांव से लेकर सरगुजा, बस्तर से लेकर कवर्धा तक शायद ही ऐसा कोई जिला हो जहां कांग्रेस के विधायक पूरे तरीके से वापस प्रत्याशी बनाए जाने का मापदंड पूरा करते हों। प्रत्येक जिले में कोई न कोई विधायक ऐसा है जिसकी टिकट काटी जा सकती है।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के मौजूदा विधायकों में से 34 विधायकों की स्थिति या तो कमजोर है या फिर बेहद गंभीर है। अब सवाल इस बात का उठता है कि कांग्रेस में मौजूदा विधायकों को पुन: मैदान में उतारने की परंपरा रही है तो क्या भाजपा की तर्ज पर नए नवेले चेहरे मैदान में नजर आएंगे ? इन सवालों का जवाब सितंबर माह में ही मिल पाएगा।

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