राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को दो टूक कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली में मौजूद शासकों के सामने कभी नहीं झुकेगी। उन्होंने भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए अन्य सभी दलों से एक बार फिर मिलकर काम करने का आह्वान किया। वे दिल्ली में आयोजित राकांपा के आठवें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
पवार ने कहा कि छत्रपति शिवाजी कभी दिल्ली के शासकों के सामने नहीं झुके और राकांपा उस रास्ते पर ही चलती आई है और उसने खुद को एक प्रगतिशील राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित किया है। पवार की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब कई विपक्षी नेता सीबीआइ, ईडी जैसी जांच एजेंसियों का सामना कर रहे हैं। राकांपा नेता नवाब मलिक और अनिल देशमुख न्यायिक हिरासत में हैं।
शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार सीबीआइ और ईडी का गलत इस्तेमाल कर रही है। विरोधी नेताओं को झूठे केसों में फंसा रही है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें बड़ी लड़ाई लड़नी है। प्रजातांत्रिक तरीके से मोदी सरकार को चलता करना है। इस दौरान पवार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को महंगाई, बेरोजगारी और देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाने के मुद्दे पर आड़े हाथों लिया।
उधर पार्टी महासचिव प्रफुल पटेल ने कहा कि शरद पवार प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने में पवार अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आगामी आम चुनाव में राकांपा बड़ी भूमिका में होगी।
राकांपा महासचिव प्रफुल्ल पटेल आगे कहा कि हमारी पार्टी आगामी आम चुनावों में अहम भूमिका निभाएगी। लेकिन पार्टी का रुख एकदम स्पष्ट है कि विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने कहा हम भी यूपीए सरकार का हिस्सा थे इसलिए कांग्रेस से हमारी कोई लड़ाई नहीं है।