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Bilaspur News: हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रोटोकॉल तोड़ पहुंचे ड्राइवर के अंतिम संस्कार में, सीएम से मीटिंग फिर सीधे न्यायधानी के मुक्तिधाम पहुंचे…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार चीफ जस्टिस प्रोटोकॉल तोड़ एक ड्राइवर के अंतिम संस्कार में मुक्तिधाम पहुंच गए। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा कल शनिवार को राजधानी रायपुर में थे। वहां मुख्यमंत्री और विधि मंत्री से मुलाकात के बाद चीफ जस्टिस सीधे बिलासपुर के मुक्तिधाम पहुंचे और ड्राइवर को अंतिम विदाई दी।

शनिवार व रविवार को हाईकोर्ट का अवकाश रहता है। इस दिन चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा राजधानी रायपुर गए थे। वहां उनकी नवा रायपुर स्थित सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और विधि मंत्री अरुण साव के साथ बैठक हुई। इसमें हाईकोर्ट और जिला न्यायालयों के अधोसंरचना विकास, कर्मचारियों के विभिन्न रिक्त पदों पर भर्ती के अलावा नए पदों पर सृजन व भर्ती के प्रस्तावों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन दिया। बैठक के दौरान ही चीफ जस्टिस को हाईकोर्ट के प्रोटोकाल डिपार्टमेंट ने पदस्थ वाहन चालक पुकल सिंह ठाकुर हार्ट अटैक से निधन की सूचना मिली। जिस पर चीफ जस्टिस रायपुर की मीटिंग खत्म कर सीधे बिलासपुर पहुंचे और सरकंडा स्थित मुक्तिधाम में गए।

हाईकोर्ट के प्रोटोकाल डिपार्टमेंट में पदस्थ 53 वर्षीय पुकल सिंह ठाकुर वेयर हाउस रोड़ स्थित 12 खोली में रहते थे। वे चीफ जस्टिस रहें राजीव गुप्ता के वाहन चालक रह चुके हैं। कुछ अन्य जजों के साथ भी पदस्थ रहें। वर्तमान में प्रोटोकाल डिपार्टमेंट में थे और विभाग की जरूरत अनुसार उन्हें काम पर लगाया जाता था। सुबह उन्हें जरूरी सामानों के साथ बोदरी स्थित जजेस कॉलोनी में भेजा जाता था। इसके बाद वे हाईकोर्ट में ड्यूटी देते थे।

पुकल सिंह रोजाना सुबह 4 बजे उठ कर मार्निंग वॉक में जया करते थे। कल शनिवार को भी अपनी आदत अनुसार उठ कर मार्निंग वॉक में गए और वहां से सुबह 5 बजे वापस आए। वॉक से आने के बाद उन्होंने बैचेनी और तबियत खराब लगने की बात घर वालों से कही। तब परिजन उन्हें सिम्स ले कर पहुंचे। यहां उनके विभाग के लोग भी पहुंच गए थे। यहां पता चला कि पुकल सिंह को हार्ट अटैक आया था। परिजन और उनके मित्र उन्हें सिम्स से रेफर करा के अपोलो ले जाने ही वाले थे कि उन्हें दूसरा अटैक आ गया और डॉक्टर और परिजन कुछ समझ पाते इससे पहले उनकी मौत हो गई।

कल उनका अंतिम संस्कार सरकंडा स्थित मुक्तिधाम में किया गया। उनके निधन की सूचना पाकर हाईकोर्ट के अन्य कर्मचारियों के साथ चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा भी रायपुर से तत्काल बिलासपुर पहुंच गए और मुक्तिधाम में जाकर अंतिम संस्कार में शामिल हुए तथा परिजनों को सांत्वना प्रदान की। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 23 सालों की इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई चीफ जस्टिस किसी ड्राइवर के अंतिम संस्कार में पहुंचा हो और वह भी प्रोटोकॉल तोड़कर। इतिहास में पहली बार चीफ जस्टिस किसी ड्राइवर के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे थे। वह भी तब की स्थिति में जब ड्राइवर उनके साथ नहीं चलता था। ड्राइवर की पदस्थापना हाईकोर्ट के प्रोटोकॉल डिपार्टमेंट में थी और उससे जरूर के अनुसार कार्य लिया जाता था। बिना कोई पूर्व जान पहचान अपने स्टाफ के एक अदने से कर्मचारी के आकस्मिक निधन की सूचना पाकर राजधानी से जिस तरह चीफ जस्टिस पहुंचे उससे उनके मानवीय मूल्यों की सराहना और चर्चा हर तरफ हो रही हैं।

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