Chhattisgarh Assembly Election 2023 बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के ऐलान के लिए अभी लगभग पखवाड़ेभर का समय है, लेकिन स्टार वॉर शुरू हो चुका है. पीएम नरेंद्र मोदी इसी महीने दूसरी बार बिलासपुर संभाग के दौरे पर रहेंगे। वे भाजपा की परिवर्तन यात्रा के समापन अवसर पर 30 सितंबर को बिलासपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड पर सभा को संबोिधत करेंगे. इससे पहले वे रायगढ़ आए थे. मोदी से पहले 25 सितंबर को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी आ रहे हैं. राहुल गांधी का यह दौरा करीब चार साल बाद होगा. इससे पहले वे लोकसभा दौरान चुनाव प्रचार के लिए आए थे. इस बीच उनका बिलासपुर आना नहीं हुआ था. राहुल गांधी आवास न्याय सम्मेलन में शामिल होंगे. परसदा (सकरी) में यह कार्यक्रम होगा, जिसके जरिए कांग्रेस बिलासपुर संभाग में चुनाव रणभेरी बजाएगी. वैसे जहां यह कार्यक्रम हो रहा है, वह ऐसा त्रिकोण है, जहां बिलासपुर, तखतपुर और कोटा तीन सीटों से सीधे जुड़ा है। इनमें कोटा में फिलहाल कांग्रेस नहीं है, जबकि यह कांग्रेस की ही पुरानी सीट रही है। 2018 के चुनाव में यहां से डॉ. रेणु जोगी जनता कांग्रेस से चुनाव जीती थी.
एक नई न्याय योजना की शुरुआत
राहुल गांधी एक नई न्याय योजना की शुरुआत करेंगे. इसका नाम छत्तीसगढ़ ग्रामीण आवास न्याय योजना है. इसके अंतर्गत 30 हजार हितग्राहियों को आवास स्वीकृति पत्र देंगे. सीएम भूपेश बघेल ने ऐसे हितग्राही जो पीएम आवास योजना के पात्र नहीं है, उनके लिए योजना लाने का ऐलान किया था. राहुल गांधी के हाथों यह योजना शुरू होगी. इसके अलावा पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के एक लाख हितग्राहियों को 25-25 हजार रुपए की पहली किस्त भी देंगे. यह योजना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि गरीबों को आवास नहीं उपलब्ध कराने के नाम पर टीएस बाबा ने पंचायत विभाग छोड़ दिया था. बाद में यह विभाग कृषि मंत्री रविंद्र चौबे को दिया गया. सोमवार को होने वाले कार्यक्रम में टीएस बाबा डिप्टी सीएम की हैसियत से शामिल होंगे.
बिलासपुर इसलिए भी महत्वपूर्ण
कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए बिलासपुर काफी महत्वपूर्ण है. 2018 में कांग्रेस की लहर में बिलासपुर संभाग ने भाजपा की लाज बचाई थी, जबकि कांग्रेस के दर्जनभर उम्मीदवारों की योग्यता पर प्रश्न चिह्न लगा दिया था, क्योंकि ये कांग्रेस की एकतरफा लहर में हार गए थे. भाजपा जीती हुई सीटों को बचाकर रखने के साथ-साथ कुछ और सीटें जोड़ने की जुगत में है, जबकि कांग्रेस 24 में से 12 सीटों के फासले को पाटना चाहती है. बता दें कि 2018 में कांग्रेस संभाग की 24 में 12 सीटें हार गई थी. बाद में मरवाही उपचुनाव में एक सीट वापस मिली. लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह के भाजपा जॉइन करने के बाद भाजपा मजबूत हुई है, जबकि दावेदारों की फौज ने कांग्रेस के लिए मुिश्कलें खड़ी कर दी है.
इन सीटों पर कांग्रेस
लैलुंगा – चक्रधर सिंह सिदार। रायगढ़ – प्रकाश नायक। सारंगढ़ – उत्तरी जांगड़े। खरसिया – उमेश पटेल। धरमजयगढ़ – लालजीत सिंह राठिया। कोरबा – जयसिंह अग्रवाल। कटघोरा – पुरुषोत्तम कंवर। पाली तानाखार – मोहित राम। मरवाही – डॉ. केके ध्रुव। तखतपुर – रश्मि सिंह। बिलासपुर – शैलेष पांडेय। सक्ती – डॉ. चरणदास महंत। चंद्रपुर – रामकुमार यादव।
यहां भाजपा विधायक
रामपुर – ननकीराम कंवर। मुंगेली – पुन्नूलाल मोहले। लोरमी – धर्मजीत सिंह। बिल्हा – धरमलाल कौशिक। बेलतरा – रजनीश सिंह। मस्तूरी – डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी। अकलतरा – सौरभ सिंह। जांजगीर-चांपा – नारायण चंदेल।
बसपा के दो विधायक
जैजैपुर – केशव प्रसाद चंद्रा। पामगढ़ – इंदु बंजारे।
अकेली रह गईं रेणु
कोटा – डॉ. रेणु जोगी।