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Cheti Chand Holiday: झूलेलाल जयंती पर सरकारी छुट्टी वाला छत्तीसगढ़ देश का चौथा राज्य, देखिये इस बार किस डेट को रहेगी छुट्टी

Cheti Chand Holiday: रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब झूलेलाल जयंती यानि चेटी चंड महोत्सव की छुट्टी रहेगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कल रात इसकी घोषणा की। वे सिंधी समाज के अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे। इस तरह अगले महीने 10 अप्रैल को सरकारी छुट्टी रहेगी। हालांकि, चेटी चंड महोत्सव का कोई स्थायी डेट नहीं होता। तिथि के हिसाब से अलग अलग तारीखों को यह महोत्सव मनाया जाता है। बता दें चेटी चंड पर सरकारी अवकाश देने वाला छत्तीसगढ़ देश का चौथा राज्य बन गया है। इससे पहले मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान में चेटी चंड की छुट्टी रहती है….इस अवसर पर जानिये क्यों मनाई जाती है और इसका महत्व 

जानिये क्यों मनाई जाती है 

चेटीचंड सिंधी समुदाय का प्रमुख त्योहार है. चैत्र शुक्ल द्वितीया से सिंधी नववर्ष की शुरुआत होती है. सिंधी में चैत्र मास को चेट कहा जाता है और चांद को चण्डु अर्थात चैत्र का चांद. इसलिए इसे चेटीचंड भी कहते है. इस दिन सिंधी समाज के आराध्य देवता भगवान झूलेलाल के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इसलिए इसे झूलेलाल जयंती के नाम से भी जानते हैं. भगवान झूलेलाल धार्मिक मान्यता अनुसार सभगवान झूलेलाल वरुण देव का अवतार माना जाता है. भगवान झूलेलाल का जन्म सद्भावना और भाईचारा के लिए हुआ था. 

चेटीचंड 2024 की तारीख

 हिंदू पंचांग के आधार पर इस बार चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीया यानी सिंधी महीने चेत के दूसरे दिन चेटी चंद मनाया जाता है. इस साल चेटी चंड महोत्सव मंगलवार, 9 अप्रैल 2024 को मनाया जायगा. 

अप्रैल 9, 2024 को 20:33:09 से द्वितीया आरम्भ

अप्रैल 10, 2024 को 17:34:27 पर द्वितीया समाप्त

कौन है भगवान झूलेलाल 

धार्मिक मान्यता के अनुसार संवत् 1007 में पाकिस्तान में सिंध प्रदेश के ठट्टा नगर में मिरखशाह नामक एक मुगल सम्राट राज्य करता था. जो लोगों को खूब अत्याचार करता था. जो हिंदू और अन्य धर्म के लोगों को इस्लाम धर्म को अपनाने के लिए प्रताड़ित करना प्रारंभ कर दिया। जिससे बचने के लिए लोगों ने सिंधु नदी के किनारे भगवान का स्मरण किया। जिसके कुछ दिन बाद विक्रम संवत 1007 सन 951 ईस्वी में सिंध प्रांत के नरसपुर नगर में वरुण देव ने झूलेलाल के रूप में जन्म लिया था. भगवान झूले लाल ने धर्म की रक्षा के लिए कई साहसिक कार्य किये। इन्होने सभी धर्म को बराबर माना और लोगों में एकता जगाई।

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