Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
Chhattisgarh : चुनाव से पहले उठा लेते हैं हमारे नेता को तो हम क्यों करें मतदान, आदिवासी ग्रामीणों ने उठाया सवाल, चुनाव बहिष्कार का कर सकते हैं ऐलान

मानपुर. आदिवासी नेता सुरजु टेकाम की गिरफ्तारी के बाद क्षेत्रीय आदिवासियों के बीच आगामी चुनावों को लेकर खिलाफत सामने आ रही है. कलवर गांव में ग्रामीणों ने चेतावनी भरे लहजे मे कहा है कि चुनाव के पहले यदी सुरजु की रिहाई नहीं होती तो बस्तर समेत मानपुर इलाके के विभिन्न गांवों के ग्रामीण आगामी चुनावों का बहिष्कार करेंगे और मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे. इसे लेकर जल्द बैठक कर क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीण सार्वजनिक तौर पर ऐलान कर सकते हैं.

बता दें कि बीते विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सुरजु टेकाम को विभिन्न आरोपो के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था. इस बार फिर लोकसभा चुनाव के ठीक पहले सुरजु की गिरफ्तारी हुई, लेकिन इस बार पुलिस ने दावा किया है कि सुरजु टेकाम के घर से रेड कार्यवाही के दौरान विस्फोटक व नक्सल सामग्रियों की बरामदगी हुई है. इस लिहाज से उसे गिरफ्तार किया गया है.

परिजनों व ग्रामीणों के मुताबिक पूर्व में तथाकथित नक्सल केसों व भड़काऊ भाषण जैसे आरोपों मे पांच बार जेल भेजने के बाद निर्दोष बरी होने वाले सुरजु टेकाम ने हर गिरफ्तारी में कानून का समान कर स्व स्वस्फुर्द गिरफ्तारी दी, लेकिन इस बार आदिवासी नेता के घर कथित तौर पर बारूद व अन्य सामानों को स्वयं रखकर पुलिस ने गलत तरीके से उनकी गिरफ्तारी की और उन्हें नक्सल सामान सप्लायर बता दिया. यही नहीं ग्रामीणों के मुताबिक सुरजु टेकाम को कपड़ा तक पहनने नहीं दिया गया. एक मात्र अंडर गारमेंट में उन्हें व परिजनों से मारपीट करते हुए पुलिस जबरन उठा ले गई. इससे मानपुर समेत बस्तर क्षेत्र के आदीवासी ग्रामीण आक्रोशित हैं और इसीलिए आदिवासी ग्रामीण अब चुनाव बहिष्कार के लिए अग्रसर हैं. ग्रामीणों के मुताबिक, अभी वे इसका सार्वजनिक ऐलान नहीं कर रहे हैं पर मतदान बहिष्कार वे करेंगे. जिसका सार्वजनिक ऐलान वे बैठक में चर्चा व निर्णय के बाद करेंगे.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक

https://lalluram.com/chhattisgarh-if-our-leader-is-picked-before-the-elections-then-why-should-we-vote/