Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
Chhattisgarh : वाचिक परम्परा को लिपिबद्ध करना समाज के लिए सराहनीय कदम

रायपुर, 27 मई 2023 : नवा रायपुर में तीन दिवसीय जनजातीय वाचिकोत्सव 2023 का आज समापन हुआ। आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की संचालक शम्मी आबिदी ने वाचिकोत्सव में प्रदेशभर से हिस्सा लेने वाले जनजातीय समुदाय के प्रबुद्धजनों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र भेंटकर सम्मानित किया।

आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, नवा रायपुर द्वारा भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

जनजातीय वाचिकोत्सव 2023 के अंतिम दिवस जनजातियों में गोत्र व्यवस्था एवं गोत्र चिन्हों की अवधारणा तथा जनजातियों की विशिष्ट परम्पराएं, रीति-रिवाज एवं विश्वास संबंधी सत्र का पृथक-पृथक संचालन हुआ। जिसमें प्रदेशभर से आए हुए जनजातीय वाचकों ने विषय पर आधारित वाचिक ज्ञान पर अपना अनुभव साझा किया।

जनजातीय समाज के प्रबुद्धजनों ने अपने वाचिक ज्ञान को साझा करने के साथ-साथ जनजातीय समाज की समाजिक एवं धार्मिक व्यवस्था में इनके महत्व पर प्रकाश डाला।

टीआरटीआई भवन, नवा रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रहे विषय विशेषज्ञ शेर सिंह आचला ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा हमारे पूर्वजों के वाचिक परम्परा को लिपि के रूप में समाहित करने के लिए जो अभियान चलाया गया है, वह एक सराहनीय कदम है।

उन्होंने कहा कि इस वाचिकोत्सव में प्रदेशभर के जनजातीय समुदाय के प्रबुद्धजनों ने हमारे पूर्वजों के द्वारा समाज को बताई गई कथा, कहानी, लोकोक्तियां, देवी-देवताओं की स्तुति हमारे समाज में पीढ़ी दर पीढ़ी वाचिक परंपरा का आदिकाल से निर्वहन किया जा रहा है। इस वाचिक परम्परा को लिपिबद्ध करना जनजातीय समाज के लिए बहुत उपयोगी होगा।

इस अवसर पर बी.एल कोर्राम, श्रीमती उषा लकड़ा, निर्मल बघेल, आदिमजाति अनुसंधान विभाग के अनुसंधान अधिकारी डॉ. राजेंद्र सिंह, संयुक्त संचालक प्रज्ञान सेठ एवं जनजातीय समुदाय के प्रदेशभर से आए हुए लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

The post Chhattisgarh : वाचिक परम्परा को लिपिबद्ध करना समाज के लिए सराहनीय कदम appeared first on Clipper28.

https://clipper28.com/hi/chhattisgarh-recording-the-oral-tradition-is-a-commendable-step-for-the-society/