Chhattisgarh News: बिलासपुर। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में से एक मनरेगा के क्रियान्वयन में प्रदेश के जिम्मेदार अफसर किस तरह रोड़ा अटका रहे हैं और खलनायक की भूमिका निभा रहे हैं इसे केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों को देखकर समझा जा सकता है। मनरेगा को संचालित करने के पीछे सरकार की मंशा साफ है। मजदूरों को उनके गांव में ही काम मिले। पलायन ना करना पड़े। काम की गारंटी तो जिम्मेदार अफसर दे रहे हैं। काम करा भी रहे हैं। भुगतान में आनाकानी कर रहे हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में 3852540100 रुपये का भुगतान अटका हुआ है। इसके पीछे कारण चाहे जो हो। गुरुवार को बिलासपुर में एक अलग ही कहानी सामने आई। गुरुवार को बिलासपुर रेंज के पुलिस अफसरों की बैठक लेने डिप्टी सीएम विजय शर्मा आए थे। उनके पास पंचायत विभाग भी है। जिला पंचायत के अफसरों ने सफेद झूठ बोल दिया। मजदूरों का भुगतान होने की जानकारी दे दी। आंकड़े कुछ ही अलग ही कहानी कह रहा है।
बिलासपुर जिले के मजदूरों को 120657945 रुपये का भुगतान शेष है। मंत्री के सामने अफसरों को झूठ बोलने की नौबत क्यों आई,किस मजबूरी में झूठ बोले यह भी समझ से परे है।