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CM Yogi Aadityanath: जैसी आज अयोध्या दिख रही है, वैसी ही मथुरा और काशी में भी होनी चाहिए

CM Yogi Aadityanath ने बुधवार को दीपोत्सव 2024 के मौके पर यहां रामकथा पार्क में आयोजित कार्यक्रम में जनता को संबोधित किया। उनके भाषण में लोकसभा चुनाव में यहां (फैजाबाद सीट) से भाजपा प्रत्याशी को मिली पराजय का दर्द भी छलका। मुख्यमंत्री ने भारी गले से जनता को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या के लिए भाजपा की डबल इंजन सरकार ने जो-जो कहा, उसे पूरा किया। विधानसभा उपचुनाव की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि एक बार फिर अयोध्या की बारी है। मां सीता की अग्निपरीक्षा बार-बार नहीं होनी चाहिए, हमें इस अभिशाप से बाहर निकलना होगा।

CM Yogi Aadityanath ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा आबादी वाला प्रदेश है। यह आगे बढ़ेगा तो भारत आगे बढ़ेगा। विरासत और विकास के अद्भुत समन्वय के लिए काशी, अयोध्या, मथुरा, वृंदावन, बरसाना, कौशाम्बी, कुशीनगर सहित अन्य सभी स्थलों पर निरंतर कार्यक्रम हो रहे हैं।

ये डबल इंजन की सरकार नैमिषारण्य के उत्थान, शुकतीर्थ के विकास का कार्य कर रही है। स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास और रोजगार के लिए कार्य हो रहे हैं। सुरक्षा के लिए हो रहे कार्यों का कहना ही क्या। बड़े-बड़े माफिया, गुंडों बदमाशों पर बजरंग बली की गदा पड़ती है, तो वे वैसे ही तड़पते हैं जैसे खर-दूषण जैसे राक्षस तड़पते थे। जैसी व्यवस्था अयोध्या में हुई है, वैसी ही काशी और मथुरा में होनी चाहिए। विकास सब स्थान पर हों, दरिद्रता और दुख कहीं नहीं हों, इस दिशा में हम कदम उठा रहे हैं।

CM Yogi Aadityanath ने दीपोत्सव के पहले संस्करण को याद करते हुए कहा कि तब रामकथा मंडप छोटा था। उस वक्त यहां एक ही नारा लगता था कि ‘योगी जी एक काम करो, मंदिर का निर्माण करो।’ मैंने उस समय कहा था कि विश्वास कीजिए, ये जो दीप आपके द्वारा जलाए जाएंगे वो केवल दीप नहीं सनातन धर्म का विश्वास हैं। प्रभु राम की कृपा अवश्य बरसेगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सब पीएम मोदी के आभारी हैं, जिनकी दूरदर्शिता के कारण 5 अगस्त 2020 को जब दुनिया कोरोना महामारी के सामने पस्त थी, तब प्रधानमंत्री ने अयोध्या धाम में आकर विरासत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए श्रीराम मंदिर के शिलान्यास का कार्यक्रम अपने कर कमलों से संपन्न किया।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह साल अयोध्या के लिए अद्भुत, अनुपम, अलौकिक और अद्वितीय है। इस वर्ष 22 जनवरी 2024 को अयोध्या धाम में 500 साल का इंतजार समाप्त करके, एक बार फिर भगवान श्रीराम अपनी जन्मभूमि पर विराजित होकर, यह संदेश देकर गए हैं कि कभी अपने पथ से विचलित न होइए, संघर्ष का मार्ग अपनाइए, सफलता अवश्य प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि यह अवसर है हमारे पास उन सभी आत्माओं को स्मरण करने का, जिनका पूरा जीवन राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए, प्रभु राम की कृपा का प्रसाद प्राप्त करने के लिए समर्पित था। उन सभी पूज्य संतों को नमन।

CM Yogi Aadityanath ने कहा कि यह समय है उन सभी हुतात्माओं के स्मरण का, जो साढ़े तीन लाख की संख्या में अपनी शहादत देकर एक ही तमन्ना के साथ इस धराधाम से विदा हो गए कि चाहे जैसे भी हो, हमारे बलिदान की कीमत पर ही सही, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। उनका संकल्प पूरा हो चुका है। रामलला अयोध्या में फिर से विराजमान हो चुके हैं। उनके विराजमान होने के बाद यह दीपोत्सव का पहला अवसर है।

सीएम योगी ने कहा कि इससे पहले हम सब केवल बोलते थे, मगर हमने जो कहा वह करके दिखाया। अयोध्या में 2017 से पहले बिजली नहीं मिलती थी। यहां की सड़कों, घाटों, मठ मंदिरों की स्थिति क्या थी, हर कोई जानता है, 2017 से पहले जिन लोगों ने भगवान को उपेक्षित कर दिया था। भगवान के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया था। वे ऐसा करके सनातन धर्म और आपकी विरासत पर प्रश्नचिह्न खड़ा करते थे।

सीएम योगी ने कहा कि हमने 22 जनवरी 2024 को देखा था कि देशभर से आए श्रद्धालु यहां दर्शन कर रहे थे तो कोई पिलर को पकड़कर रो रहा था, कोई जमीन पर दंडवत होकर। हमने वे दृश्य भी देखे हैं और उन लोगों के काले कारनामे भी देखे हैं, जिन लोगों ने अयोध्या और सरयू मइया को खून से लहूलुहान कर दिया था। मगर हमने जो कहा वह करके दिखाया। अब अयोध्या को फिर से साबित करने की बारी है। मां सीता की अग्निपरीक्षा बार-बार नहीं होनी चाहिए, हमें इस अभिशाप से बाहर निकलना होगा। अयोध्या को भव्य और दिव्य रूप देना ही होगा। इसके लिए अयोध्यावासियों को फिर से आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि दीपोत्सव का यह आठवां संस्करण अत्यंत आह्लादित करने वाला क्षण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इसी मंच से कहा था कि अयोध्या को दुनिया की सबसे सुंदर नगरी बनाएंगे। आज यहां 31 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं या तो पूरी हो चुकी हैं या प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सनातन धर्म, हमारी विरासत और विकास के लिए अयोध्या तो एक शुरुआत है। आज काशी, अयोध्या चमक रही हैं। यहां भव्य कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। अयोध्या का बदला हुआ स्वरूप दुनिया को आकर्षित कर रहा है। कोई सोचता था कि अयोध्या में धर्म पथ, राम पथ, जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ नाम से फोरलेन सड़कें होंगी? पहले लोग आपको बिजली के लिए गर्मी में तड़पाते थे, राम की पैड़ी में सड़े हुए पानी में आपको स्नान के लिए मजबूर करते थे। हमने राम की पैड़ी में सरयू जल को प्रवाहमान बनाया। अयोध्या को देश की पहली सोलर सिटी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हजारों वर्ष पहले भगवान राम पुष्पक विमान से अयोध्या आए थे, उसके बाद से अयोध्या में विमान नहीं उतर पाया था। मोदी जी की कृपा से अयोध्या में अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा बना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों को काम नहीं करना वे पहले राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते थे, फिर रामभक्तों पर गोली चलाई, बाद में विकास कार्यों में रोड़ा बनते हुए कहने लगे कि हम किसानों का शोषण कर रहे हैं। फोरलेन सड़क बनवाया तो कहा व्यापारियों का शोषण कर रहे हैं, अगर फोरलेन न बनवाते तो क्या यहां लाखों श्रद्धालु आकर दर्शन-पूजन कर पाते। ऐसे लोग विकास में बाधा हैं। सीएम योगी ने कहा कि हम इन बाधाओं को वैसे ही हटा रहे हैं, जैसे उत्तर प्रदेश को माफिया मुक्त करके सुरक्षित प्रदेश बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि जो सनातन धर्म पर बार-बार प्रश्न खड़ा करते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि सनातन ने किसी का अहित नहीं किया, सबको गले से लगाया। दुनिया का कोई मत-संप्रदाय ऐसा नहीं, जिनकी विपत्तियों के समय सनातन ने उन्हें फलने-फूलने और आगे बढ़ने का अवसर न दिया हो। विश्व मानवता आज भी इसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करती है। मगर सेक्युलरिज्म के नाम पर राजनीति करने वाले लोग सनातन धर्म पर कुठाराघात करते हुए भारत में नक्सलवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देना चाहते हैं। फिर भगवान के 14 वर्ष के वनवास का मतलब क्या रह जाएगा, फिर बजरंगबली का मतलब क्या रह जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी मानवता और विकास के मार्ग में रोड़ा बनेगा, उसका वही हाल होगा जो उत्तर प्रदेश में माफिया का हुआ है। उन्होंने कहा कि रामकाज पूरा किए बिना हम विश्राम नहीं लेने वाले। जब तक हम सनातन धर्म के रोड़ों को समाप्त नहीं करते, हमें विश्राम नहीं करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी को पूरी दुनिया में सनातनधर्मी इस बात को लेकर नतमस्तक थे कि भारत ने लोकतंत्र की ताकत का अहसास कराया। न्यायपालिका के फैसले को कैसे जमीनी धरातल पर मजबूती के साथ उतारा गया, अयोध्या इसका अप्रतिम उदाहरण है। उन्होंने बताया कि स्वयं प्रभु श्रीराम कहते हैं कि अवधपुरी के समान उन्हें कुछ भी प्रिय नहीं है, “क्योंकि यह मेरी जन्मभूमि है”। इसके बावजूद जो लोग भगवान के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न खड़ा करते थे, उन्हें यह सोचना चाहिए था कि वे राम या सनातन पर प्रश्नचिह्न नहीं बल्कि हमारे आपके धर्म और पूर्वजों पर प्रश्नचिह्न था, जबकि हम मौन बने रहे।

इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, जयवीर सिंह, सतीश चंद्र शर्मा, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, विधान पार्षद हरिओम पांडेय के अलावा जगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य जी महाराज, विश्वेश प्रपन्नाजी महाराजा, रामदिनेशाचार्य जी महाराज, मणिरामदास छावनी के महंत कमलनयनदास, अवधेशदास, राजकुमार दास, देवेन्द्रप्रसादाचार्य, भरतदास, धर्मदास, महंत संतोष दास, रामदास जी महाराज सहित अयोध्या के पूज्य संतगण एवं अधिकारीगण मौजूद रहे/आईएएनएस

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