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Lalluram Impact: वात्सल्य ग्रुप की फाइल तलब, अधिकारियों की मिलीभगत की भी होगी जांच, ये है पूरा मामला

हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक बार फिर लल्लूराम डॉट कॉम (Lalluram.com) की खबर का असर हुआ है। खबर को प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद इंदौर (Indore) कलेक्टर ने मामले में संज्ञान लेते हुए जांच करने की बात कही है। कलेक्टर ने वात्सल्य ग्रुप (Vatsalya Group) की फाइल तलब की है और कहा कि वात्सल्य ग्रुप के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी की मिली भगत की भी जांच होगी।

दरअसल, इंदौर में नागपुर के रहने वाले प्रफुल्ल गाडगे ने वात्सल्य ग्रुप में प्रेस्टीज वन से लेकर प्रेस्टीज 5 तक कॉलोनिया काटी थी। जिसमें लगभग 7000 प्लाट धारक आज भी अपने प्लाटों को पाने के लिए इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अब तक कॉलोनियों में डेवलपमेंट होकर प्लॉट नहीं मिले हैं। जिसके कारण लोग लगातार इंदौर कलेक्टर कार्यालय के दफ्तर के हर जनसुनवाई में चक्कर लगाते हुए नजर आ रहे है।

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वात्सल्य ग्रुप पर भाजपा के बड़े नेता का हाथ होने के कारण इस मामले में कोई भी कलेक्टर हाथ डालने से बचत हुआ नजर आता था। लेकिन इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने अब प्लॉट धारकों को उनका हक दिलाने के लिए बीड़ा उठाया है। कलेक्टर का कहना है कि सबसे पहले वात्सल्य ग्रुप की फाइल तलब करवाई है। उस फाइल में पूरे मामले को समझने के बाद वात्सल्य ग्रुप के साथ जिला प्रशासन का कौन सा अधिकारी सांठगाठ कर उसे बचाने में लगा हुआ है। इसको लेकर भी इंदौर कलेक्टर जांच करवाएंगे।

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इसके साथ ही जिला प्रशासन के पास बंधक रखे प्लाटों को भी बेचने का मामला सामने आया है। जिसमें नागपुर से प्रमोद साहू इंदौर पहुंचकर प्रेस्टीज वन में बंधक प्लाटों की रजिस्ट्री करने की कवायत करने में लगे हुए हैं। ऐसे में अगर बंधक प्लॉटों की रजिस्ट्री हो जाती है, तो बिल्डर आने वाले समय में अपना बोरिया बिस्तर बांधकर इंदौर से रफूचक्कर हो जाएगा और प्लाट धारक लगातार जिला प्रशासन के चक्कर लगाते नजर आएंगे।

फिलहाल इस पूरे मामले में जितने भी लोग रजिस्ट्रियां कर रहे हैं। उन पर जल्द ही जिला प्रशासन अपनी कड़ी कार्रवाई करता हुआ नजर आ सकता है। इसके साथ ही पिछले दिनों सूत्रों के हवाले से एक जानकारी सामने आई थी जिसमें बंधक रख प्लाटों को वात्सल्य ग्रुप द्वारा जिला प्रशासन के एक अधिकारी के साथ मिलकर उन्हें बदलने का काम तक कर दिया गया है। जो कि नियम विरुद्ध था और उसे पूरे मामले में बड़ा लेनदेन होने की बाद भी सामने आई है।

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हालांकि आने वाले समय में जांच के बाद उसे अधिकारी पर भी नियम अनुसार कार्रवाई हो सकती है। अब इस मामले में देखना होगा इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह किस प्रकार के कड़े कदम उठाते हुए नजर आते हैं। वात्सल्य ग्रुप की उन 7000 लोगों के दर्द को लल्लूराम. कॉम ने पिछले दिनों अपनी वेबसाइट के माध्यम से प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद अब कलेक्टर ने इस ग्रुप की फाइल को तलब कर उस पर जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया है।

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