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Mahua Moitra News: TMC की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा ने खाली किया सरकारी बंगला, कल दिल्ली हाई कोर्ट से मिला था झटका

Mahua Moitra News: पूर्व लोकसभा सांसद और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा ने दिल्ली स्थित अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है। गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने बंगला खाली करने के खिलाफ महुआ की याचिका को खारिज कर दिया, जिसके बाद संपदा निदेशालय की टीम बंगले पर पहुंची थी। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि महुआ ने बंगला खाली कर दिया है। बता दें कि महुआ को 16 जनवरी को बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया था।

दिल्ली हाई कोर्ट ने महुआ की याचिका रद्द करते हुए कहा, “याचिकाकर्ता को संसद सदस्य के रूप में उसकी स्थिति के लिए आकस्मिक सरकारी आवास आवंटित किया गया और वह दर्जा उनके निष्कासन पर समाप्त हो गया। कोर्ट के पास ऐसा कोई नियम नहीं है, जो किसी सांसद के संसद से निकाले जाने के बाद उसके सरकारी घर में रहने संबंधी मसलों से निपटता हो। उन्हें उक्त सरकारी आवास में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।”

कोर्ट ने कहा, “महुआ के बंगला खाली करने के लिए समय के विस्तार के दावे का एकमात्र आधार उनका सांसद होना और सरकारी आवास की आवश्यकता है, जिससे 2024 के आम चुनावों में उन्हें प्रभावी ढंग से अभियान चलाने में मदद मिलेगी।” कोर्ट ने कहा कि उनके आवेदन में मेडिकल स्थिति का जरा भी जिक्र नहीं है। इससे पहले भी महुआ ने निष्कासन नोटिस के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया था।

16 जनवरी को जो नोटिस संपदा निदेशालय ने महुआ को जारी किया था, उसमें कहा गया था कि अगर बंगला तुरंत खाली न किया गया तो पूर्व सांसद को बेदखल किया जाएगा और जबरन बाहर निकाला जाएगा। नोटिस में कहा गया था कि महुआ को पर्याप्त अवसर दिया गया, लेकिन वह यह साबित करने में विफल रहीं कि वह अनधिकृत कब्जाधारी नहीं हैं। इसके बाद महुआ ने हाई कोर्ट का रुख किया था।

दरअसल, जब महुआ सांसद थीं तो उन्हें दिल्ली के टेलीग्राफ लेन में एक सरकारी बंगला मिला था। हालांकि, पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों में संसद सदस्यता जाने के बाद 7 जनवरी को महुआ के बंगले का आवंटन रद्द कर दिया गया था और नोटिस जारी कर उनसे बंगला खाली करने को कहा गया था। महुआ ने अनुरोध किया था कि उन्हें लोकसभा चुनाव तक का समय दिया जाए क्योंकि इससे उनका चुनावी अभियान प्रभावित होगा।

महुआ पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में अडाणी समूह से जुड़े सवाल पूछने के आरोप हैं। इस संबंध में महुआ ने हीरानंदानी को अपना लोकसभा का आईडी-पासवर्ड देने की बात स्वीकारी थी, लेकिन रिश्वत के आरोपों को खारिज किया था। मामले में आचार समिति ने जांच की, जिसने अपनी रिपोर्ट में आरोपों को सही पाते हुए महुआ को निष्कासित करने की सिफारिश की थी। इसी आधार पर 8 दिसंबर को महुआ को लोकसभा से निष्कासित किया गया।

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