Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
Shani Dev Puja- शनिदेव की पूजा में न शामिल करें ये चीजें

Shani Dev Puja:शनिदेव कर्मों के न्यायाधीश कहलाते हैं. सभी ग्रहों में शनिदेव एकमात्र ऐसे ग्रह हैं जो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं. फिर चाहे वो अच्छे कर्म हों या फिर बुरे कर्म. कई लोग शनिदेव की पूजा करते हैं. शनिदेव को न्याय का देवता भी कहा जाता है.

Shani Dev Puja:उनकी टेढ़ी नजर से बचने के लिए सभी उनको नमन करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं शनिदेव की पूजा के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए? शनिदेव की पूजा के नियमों का पालन न करने पर विपरीत परिणाम झेलने पड़ सकते हैं. शनिवार को मुख्य रूप से शनिदेव की पूजा की जाती है. शनिदेव की पूजा में कुछ चीजों का भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. मान्यता है ऐसा करने से वे नाराज हो जाते हैं. आइए जानते हैं कौन सी हैं वो चीजें.

Shani Dev Puja:शनि देव की पूजा में भूल से भी तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि तांबा सूर्य की धातु है और शास्त्र के अनुसार शनि-सूर्य एक-दूसरे के शत्रु हैं. ऐसा करने पर व्यक्ति को शनि का प्रकोप झेलना पड़ सकता है. शनि देव की पूजा में हमेशा लोहे या स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए.

Shani Dev Puja:शनिदेव को भूलकर भी लाल रंग के फूल, लाल रंग का कपड़ा आदि नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि ये रंग मंगल ग्रह का है. शनि और मंगल एक-दूसरे के विरोधी हैं. शनिदेव को गेंदे का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से भी वो नाराज हो जाते हैं.

इसके अलावा, शनिदेव की पूजा में पीला चंदन इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. शनि महाराज को हमेशा लाल चंदन चढ़ाएं. ऐसा करने से शनि साढ़ेसाती के अशुभ प्रभाव कम होते हैं.

शनिदेव की पूजा करते समय बरतें ये सावधानियां/Shani Dev Puja

भगवान शनि को काले तिल और उडद दाल की खिचड़ी चढ़ाई जाती है. शनिवार के दिन काला तिल शनिदेव को अर्पित करने से प्रसन्न होते हैं लेकिन कभी भी शनिदेव को सफेल तिल नहीं चढ़ाना चाहिए. सफेद तिल चढ़ाने और दान करने से शनिदेव की अशुभ छाया का प्रभाव बढ़ जाता है.

शनिदेव की पूजा के बाद अगर भोग में खिचड़ी चढ़ा कर रहे हैं, तो उसमें मसूर की दाल भूलकर भी न डालें. ऐसा करने से शनिदेव क्रोधित हो जाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि मसूर दाल मंगल ग्रह की पूजा में चढ़ाई जाती है.

Shani Dev Puja:शनि देव की पूजा सुबह या दोपहर नहीं बल्कि सूर्यास्त के बाद करनी चाहिए. सूर्योदय के समय सूर्य की किरणें शनि की पीठ पर पड़ती हैं. भगवान शनि अपने पिता सूर्य से शत्रुता का भाव रखते हैं, इसलिए इस दौरान शनि देव पूजा स्वीकार नहीं करते है, इसलिए सुबह शनि की पूजा न करें.

इसके अलावा, जब भी शनि देव की पूजा करें तो लाल रंग के कपड़े न पहनें. शनिदेव की पूजा के समय आप उनके प्रिय रंग जैसे नीले और काले रंग के कपड़े पहन सकते हैं. शनिदेव की दिशा पश्चिम दिशा मानी गई है, ऐसे में इनकी पूजा के दौरान आपका मुख पश्चिम दिशा की तरफ ही होना चाहिए.

Shani Dev Puja:ऐसी मान्यता है कि शनिदेव की द्दष्टि अगर किसी पर पड़ जाय तो उसके सारे काम बिगड़ने लगते हैं. ऐसे में शनिदेव की पूजा के दौरान कभी भी सीधे उनकी आंखों में न देखें, बल्कि पूजा के दौरान अपनी नजरें उनके चरणों की तरफ ही रखें.

भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है लेकिन ध्यान रखें कि सरसों के तेल का दीपक शनि की प्रतिमा के सामने न जलाएं, बल्कि मंदिर में मौजूद शनि देवता की शिला के सामने ही जलाएं.

https://www.cgwall.com/shani-dev-puja-do-not-include-these-things-in-the-worship-of-shanidev/