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UP Telemetric Weather Station: यूपी में टेलीमीट्रिक वेदर स्टेशन से होगी सूखे की मॉनिटरिंग, प्रदेश की 100 तहसीलों को मिलेगा लाभ

UP Telemetric Weather Station:  उत्तर प्रदेश में अब सूखे की मॉनिटरिंग करना बेहद आसान हो जायेगी। मॉनिटरिंग के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों की तहसीलों में टेलीमेट्रिक वेदर स्टेशन (टीडब्ल्यूएस) की स्थापना की जाएगी। पहले चरण में सूखे से ज्यादा प्रभावित रहने वाले प्रदेश के विभिन्न जिलों की 100 तहसीलों में टेलीमेट्रिक वेदर स्टेशन (टीडब्ल्यूएस) की स्थापना की जाएगी.

जानकारी के मुताबिक़, प्रदेश के 7 जिलों में पहले टेलीमेट्रिक वेदर स्टेशन की स्थापना की जायेगी। इसमें बुंदेलखंड के सात जिलों (बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, झांसी, ललितपुर, महोबा और जालौन) के साथ सोनभद्र और मिर्जापुर को प्राथमिकता दी जाएगी, क्योंकि यहां पर हर साल सूखे की संभावना बनी रहती है। इसे लेकर राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से अपर जिलाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। इसके साथ ही जमीन चिह्नित करने के दौरान आवश्यक गाइडलाइन भी जारी की गई है।यूपी सरकार के प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरु प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में हर साल सूखे के कारण किसानों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। उनकी इस समस्या को देखते हुए पहले चरण में प्रदेश के विभिन्न जिलों की 100 तहसीलों में टेलीमेट्रिक वेदर स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद प्रदेश के सभी जिलों की समस्त तहसीलों में टीडब्ल्यूएस को स्थापित किया जाएगा।

इसके साथ ही राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि पहले चरण में भी हर साल सूखे से ज्यादा प्रभावित होने वाले बुंदेलखंड के 7 जिलों (बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, झांसी, ललितपुर, महोबा और जालौन) की सभी तहसीलों में प्राथमिकता के आधार पर वेदर स्टेशन स्थापित किये जाएंगे। इसके साथ ही सोनभद्र की सभी तहसीलों, मीर्जापुर की 2 तहसीलाें और प्रदेश के सभी जिलों की एक-एक तहसील में टेलीमेट्रिक वेदर स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इसके लिये 10 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गयी है। इसको लेकर सभी जिलों के अपर जिलाधिकारियों को जमीन चिन्हीकरण के दौरान आवश्यक गाइडलाइन जारी की गयी है। वहीं इसके बाद प्रदेश की सभी तहसीलों और ब्लॉक में वेदर स्टेशन की स्थापना की जाएगी।

साथ ही राहत आयुक्त ने बताया कि वेदर स्टेशन स्थापित करने के लिए गाइडलाइन जारी की गयी है। इसमें जमीन चिन्हित करने के दौरान एडब्ल्यूएस/एआरजी के बीच सात से 10 किलोमीटर की दूरी का ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा 10 मीटर गुणा 10 मीटर का स्थान होना जरूरी है। साथ ही जिस स्थान पर वेदर स्टेशन स्थापित किया जाए, वहां पर बड़े पेड़ भवन से उचित दूरी हों, ताकि स्टेशन पर छाया, धूप, वर्षा और हवा आदि का प्रभाव न पड़े। साथ ही चोरी से सुरक्षा के लिए भी आवश्यक इंतजाम हो।

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