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आठ महीने से वन विभाग के चक्कर काटने को मजबूर मजदूर, जानिए क्या है पूरा मामला

मनीष सरवैया@महासमुंद। मजदूर को समय पर मजदूरी न मिले तो आखिर मजदूर अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करें । ये एक बड़ा सवाल है ? जी हां , ऐसा ही एक मामला महासमुंद जिले के वन विभाग में सामने आया है। जहां वन विभाग के कर्मचारियों ने मजदूरों से काम तो करवा लिया ,पर मजदूरी के लिए मजदूर आठ महीने से वन विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। थक हारकर मजदूर अब कलेक्टर से मजदूरी दिलाने की गुहार लगा रहे हैं। जहां मजदूर कर्ज लेकर अपने परिवार का भरण पोषण करने को मजबूर है , वही कलेक्टर मजदूरों को दीपावली के पहले भुगतान होने जाने की बात कह रहे हैं।

महासमुंद वनमण्डल के वनपरिक्षेत्र पिथौरा के क्रमांक 44/45 कुर्रुभाठा , तुरेंगा मे ग्राम कछारडीह , अमोरी , रायतुम , कुर्रुभाठा ,तुरेंगा के ढाई दर्जन मजदूरों से फरवरी 21-22 में लकड़ी की लोड़िग ,अनलोड़िग एवं कटाई का कार्य कराया गया, पर आज आठ माह बाद भी मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं दी गयी । मजदूर लगातार अधिकारियों से मजदूरी भुगतान की मांग करते आ रहे है ,पर अधिकारी बजट नही होने का हवाला देकर मजदूरो को घुमाते आ रहे है । वन विभाग के चक्कर लगाकर थक चुके मजदूर अब कलेक्टर से मजदूरी दिलाने की गुहार लगा रहे है । मजदूरो का कहना है कि उनका लगभग 20 लाख रुपये का भुगतान बाकी है । जिसके कारण वो कर्ज लेकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे है ।

दीपावली के पहले सभी का भुगतान जल्द से जल्द करना सुनिश्चित करें

इस पूरे मामले मे कलेक्टर का कहना है कि हमे शिकायत मिली है और आज ही सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि दीपावली के पहले सभी का भुगतान जल्द से जल्द करना सुनिश्चित करें ।

अक्सर इस तरह के मामले आते हैं सामने

वन विभाग मे समय पर मजदूरी नहीं देने का यह कोई पहला मामला नहीं है । अक्सर इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं। यही कारण है कि जब मजदूरो को समय पर मजदूरी नही मिलती है तो वे पलायन कर दूसरे प्रदेश मे मजदूरी के लिए जाते है ।


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