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कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता तिबलिश की मौत, अब तक नौ की गई जान

श्योपुर

श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में एक औऱ चीते की मौत हो गई है। अब नामीबिया से लाई मादा चीता धात्री (टिबलिसी) की लाश मिली है। टिबलिसी का लोकेशन दो दिनों से नहीं मिल रहा था। अब उसकी लाश बरामद की गई है। मादा चीता तब्लीशी को दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से भारत लाया गया था। यहां आने के बाद मादा चीता टिबलिसी पिछले कुछ दिनों से नजर नहीं आ रही थी अब उसकी लाश मिली है। कूनो नेशनल पार्क में एक के बाद एक चीतों की हो रही मौत ने सबको हैरान कर दिया है। अब तक 6 चीतों और 3 शावकों की मौत हो चुकी है। टिबलिसी की मौत कैसे हुई? अभी इसके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल नहीं हो पाई है। टिबलिसी की लाश कूनो के बाहरी इलाके में मिली है। फिलहाल उसका पोस्टमार्टम किया जा रहा है ताकि मौत की वजह का पता चल सके। इससे पहले यह भी कहा जा रहा था चीतों के गले में लगा कॉलर रेडियो से भी परेशानी हुई थी। कहा जा रहा है कि गले में पहनी कॉलर रेडियो से चीतों को इन्फेक्शन हो रहा था।  

कूनो नेशनल पार्क  में कुल मिलाकर 9 चीतों की मौत के बाद अब कुल सिर्फ 14 चीतें ही बचे हैं। इसमें एक शावक भी शामिल है। इन चीतों में 07 नर और 06 मादा चीता शामिल हैं। कूनो प्रशासन ने बताया है कि यह सभी चीते स्वस्थ हैं।

कई लोगों का ऐसा मानना है कि कूनो पार्क में चीतों की लगातार हो रही मौत देश में चलाए जा रहे प्रोजेक्ट चीता को झटका भी लगा है। दरअसल प्रोजेक्ट चीता के जरिए देश में विलुप्त हो चुके चीतों को ना सिर्फ बसाने की योजना है बल्कि इनकी आबादी को भी बढ़ाने की योजना सरकार ने बनाई है। इसी प्रोजेक्ट के तहत इन चीतों को नामीबिया से भारत लाकर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था।

इस प्रोजेक्ट चीता के तहत कुल 20 रेडियो-कॉलर्ड जानवरों को मध्य प्रदेश के कूनो पार्क में छोड़ा गया। अभी हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय तथा नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि पांच एडल्ट चीतों और तीन शावकों की कूनो नेशनल पार्क में मौत परेशान करने वाली जरूर है लेकिन अनावश्यक रूप से चिंतानजक नहीं है।

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