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घोषणावीर मुख्यमंत्री की बड़बोली और परस्पर विरोधाभासी घोषणाओं में निहित रहस्य को समझ गये कर्मचारी – मधुसूदन यादव

क्या संविदा कर्मचारियो की वेतन बढ़ोत्तरी का आशय नियमितीकरण से इन्कार है – मधुसूदन यादव

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा अनुपूरक बजट में की गई बड़ी घोषणाओं पर कटाक्ष करते हुए पूर्व सांसद एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मधुसूदन यादव ने इन घोषणाओं को चुनाव पूर्व डैमेज कंट्रोल की रणनीति के तहत हड़बड़ी में उठाया गया कदम करार दिया है। पूर्व सांसद मधुसूदन ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिछले चुनावी घोषणा पत्र की बड़बोली घोषणाएँ आज तक पूरी नहीं हो सकी हैं और अब लगभग 3 माह में आगामी चुनाव को देखते हुए झूठे वादों से नाराज चल रहे प्रदेश के आंदोलनरत् कर्मचारियों को साधने की जुगत में करना कुछ और था और सीएम नेघोषणाएॅ कुछ और कर दी है जो कांग्रेस पार्टी की पिछली घोषणाओं से परस्पर विरोधाभासी है । लेकिन इन घोषणाओं में निहित रहस्य को प्रदेश का समझदार कर्मचारी वर्ग समझ चुका है। पूर्व सांसद मधु ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है कि वो ऐन चुनाव से पहले प्रदेश में अपने नियमितीकरण की आस लगाये बैठे 37 हजार संविदा कर्मचारीयों को संविदा वेतन पर 27 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का झुनझुना पकड़ा रहे हैं जबकि कांग्रेस पार्टी ने पिछली बार इनसे सरकार बनते ही 10 दिन में नियमितीकरण करने का वादा किया था। मधु ने सीएम से पूछा है कि क्या 27 प्रतिशत वेतन बढ़ोत्तरी का आशय संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण से इन्कार है ? उन्होंने यह भी पूछा है कि मुख्यमंत्री की शासकीय सेवकों के लिये 4 प्रतिशत अतिरिक्त मँहगाई भत्ता की घोषणा में अतिरिक्त क्या है, क्यों कि केन्द्र शासन के द्वारा 42 प्रतिशत डी.ए. पूर्व से ही दिया जा रहा था, जिसके समतुल्य 42 प्रतिशत राज्य शासन को आज नहीं तो कल अपने कर्मचारियों को देना ही होगा ।  पूर्व सांसद ने आरोप लगाया है की यह 4 प्रतिशत अतिरिक्त मंहगाई भत्ता की आड़ में राज्य शासन के प्रत्येक शासकीय सेवक के लाखों रूपये के बकाया डी.ए. एरियर्स को डकार जाने की एक सुनियोजित साजिश है । पूर्व सांसद ने सीएम भूपेश बघेल पर यह भी आरोप लगाया है की उनकी सरकार ने साढ़े चार साल से अधिक समय तक प्रदेश के कर्मचारियों को तरसाये रखा और उनका हक मारते रहे और अब चलाचली की बेला में उन्हें पटवारियो, अतिथि शिक्षकों, पंचायत सचिवों,  आरक्षक संवर्ग के  कर्मचारियों, अकुशल, अर्धकुशल, कुशल एवं उच्च कुशल दर पर कार्यरत् कर्मचारियों आदि की याद आयी है । इसपर भी मुख्यमंत्री ने जो घोषणाएॅ इस वर्ग के कर्मचारियों के लिये की है वो इन कर्मचारियों के कार्य का समुचित सम्मान नहीं है अपितु ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। भाजपा नेता मधु ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के राज में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता राशि का लाभ भी साधारण जनता को नहीं मिलता, केवल मुख्यमंत्री के चहेते और रसूखदार लोगों को ही मिलता है। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मधु ने चुटकी लेते हुए कहा है कि पिछली घोषणापत्र की अपूर्ण घोषणाएॅ आज कांग्रेस पार्टी के लिये बड़ा सरदर्द बन चुकी है । पूर्ववर्ती चुनावी घोषणा पत्र की अपूर्ण घोषणाओं से ही कांग्रेसी नेता आज तक शर्मसार है और आगामी चुनाव में जनता से किस मुुॅह से वोट मांगने जायेंगे इस उधेड़बुन में दिनरात चिंतित रहते हैं । इधर घोषणावीर मुख्यमंत्री विनाश काले विपरीत बुद्धि की तर्ज पर काम करते हुए नित नई-नई घोषणाएं कर अपनी पार्टी का सिरदर्द बढ़ने से नहीं चूक रहे हैं।

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