Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
जंगल के बाघ की एक आवाज… मुझे मेरा घर लौटा दो

भोपाल

मध्यप्रदेश के माथे पर टाइगर और तेंदुआ स्टेट का ताज आज भी बरकरार है। प्रदेश में जहां 785 बाघ है तो वहीं तेंदुओं की संख्या 3907 हैं।  मौजूदा समय में प्रदेश के 6 टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों की अपेक्षा तेंदुओं की संख्या अच्छी – खासी बढ़ोतरी हुई है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में जहां बाघों की संख्या 165 है तो वहीं तेंदुओं की संख्या 176 है। 2 महीने के अंदर यहां 7 बाघों की मौत हो चुकी है। 

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा ने बताया कि टेरेटरी के चलते बाघों में आए दिन संघर्ष हो रहा है जिससे बाघों की मौत हो रही है। इस क्षेत्र में तेंदुओं और हाथियों की उपस्थिति के चलते यहां संघर्ष ज्यादा हो गया है। अगर समय रहते हुए वन विभाग इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाता है तो आने वाले समय में टेरेटरी को लेकर संघर्ष और ज्यादा बढ़ेगा। जंगल का कोर एरिया हो या डीम्ड एरिया हो बाघ हर रोज दहाड़ कर कह रहे हैं कि मुझे मेरा घर लौटा दो। बाघों को प्राकृतिक आवास की कमी नहीं हो इसकों लेकर एक्सपर्ट बाघों के लिए नए अभ्यारण्य बनाने की बात कर रहे हैं। वर्ष 2019 में तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने 11 आरक्षित वनों को अभ्यारण्य बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया था।  लेकिन आरक्षित वनों को अभ्यारण्य बनाने की बात ठंडे बस्ते में चली गई।

प्रदेश में टाइगर को उसके प्राकृतिक आवास में बसाने के लिए पांच साल पहले चर्चा उठी थी। तत्कालीन वनमंत्री उमंघ सिंघार ने वन विभाग के अधिकारियों को इस मामले में काम करने के लिए आदेश भी दिया था। शिवपुर में माधवराव सेंचुरी, बुरहानपुर में महात्मा गांधी सेंचुरी, सीहोर में सरदार वल्लभ भाई पटेल, नरसिंहपुर में इंदिरा गांधी, धार में जमुना देवी, इंदौर में अहिल्याबाई होल्कर, हरदा में राजेन्द्र प्रसाद, पश्चिम मंडला में राजा दलपत शाह, छिंदवाड़ा में संजय गांधी सेंचुरी पार्क बनाने की बात चली थी।

35 फीसदी बाघ डीम्ड एरिया में
जंगलों के कोर एरिया में 511 बाघ हैं। जबकि डीम्ड एरिया में 75 बाघ। टाइगरों के लिए आरक्षित अभ्यारण्य नहीं होने के  चलते 35 फीसदी बाघ डीम्ड एरिया में घूम रहे है। डीम्ड एरिया के बाघों को अगर संरक्षित करने के लिए विभाग गंभीर है तो विभाग को आरक्षित वनों को अभ्यारण्य बनाने की दिशा में काम तेजी से करना होगा। वन्य प्राणी बोर्ड का गठन होने के बाद माना जा रहा है।

 

The post जंगल के बाघ की एक आवाज… मुझे मेरा घर लौटा दो first appeared on .

The post जंगल के बाघ की एक आवाज… मुझे मेरा घर लौटा दो appeared first on .

https://www.kadwaghut.com/?p=136278