रायपुर। केंद्र सरकार ने आज प्रेसिडेंट मैडल की घोषणा कर दी है। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की तरफ से मैडल्स के लिए जारी सूची में प्रदेश के 2004 बैच के आईपीएस बद्री नारायण मीणा का नाम सराहनीय सेवाओं के लिए मिलने वाले पदक की लिस्ट में है। उन्हें यह पदक इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस समाहरोह को 15 अगस्त को मिलेगा। बद्री नारायण मीणा वर्तमान में बिलासपुर रेंज के आईजी हैं। इससे पहले वह दुर्ग रेंज के आईजी थे और कुछ समय के लिए दुर्ग के साथ ही रायपुर रेंज का प्रभार भी सम्हाला। उन्होंने इस वर्ष पुलिस सेवा में 18 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है।
2004 बैच के आईपीएस बद्रीनारायण मीणा भी राष्ट्रपति सराहनीय सेवा पदक के लिए चुने गए हैं। वे इस समय बिलासपुर रेंज के आईजी है। खास बात यह है कि वे यहां पहले एडिशनल एसपी फिर एसपी भी रह चुकें हैं। अब वे इस रेंज के आईजी है। बिलासपुर में एडिशनल एसपी रहें। उनके आने से पहले दिनांक 22 अप्रैल 2007 को घटित हुई चर्चित छठघाट में रवि- स्वीटी हत्याकांड का पोस्टिंग के बाद खुलासा करना। तत्कालीन शिवसेना नगर अध्यक्ष को गिरोह के साथ वाहन चोरी में गिरफ्तार करना। सरकंडा थाना क्षेत्र के श्री विहार में देहव्यापार का भंडाफोड़ करना आदि उल्लेखनीय कार्य किये।एसपी के रूप में उनका पहला जिला बलरामपुर था। फिर कवर्धा,राजनांदगांव,जगदलपुर, कोरबा,बिलासपुर, रायपुर, रायगढ़ के वो एसपी रहें। फिर डीआईजी प्रमोशन के बाद 2018 में सेंट्रल डेपुटेशन में आईबी चले गए। वहां से लौटने के बाद दुर्ग एसएसपी रहें। फिर दुर्ग आईजी के साथ ही साथ में रायपुर आईजी का भी प्रभार सम्हाला। उन्होंने लगातार 8 जिलों की कप्तानी की है। और छतीसगढ़ में सबसे अधिक जिलों (कुल 9) के एसपी रहने का रिकार्ड उनके नाम पर है।
बलरामपुर उनका पहला जिला था। जहां वो एसपी थे। उनकी और तत्कालीन आईजी बीएस मरावी के काफिले पर नक्सिलयों ने अटैक कर दिया था। जिसमे बीएस मरावी घायल हुए थे। नक्सलियों से लोहा लेते हुए उनके एंबुश से निकाल कर बाहर लाये थे। बस्तर में भी वे एसपी रहें। इस दौरान नक्सल आपरेशन चला कर नक्सलियों को पीछे ढकेलने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। न्यायधानी,राजधानी व वीवीआईपी जिले के कप्तानी के दौरान उन्होंने शहरी लॉ एंड ऑर्डर सुधारने में महत्वपूर्ण कदम उठाएं।