सरकार ने हाल के दिनों में ऐसी कई छोटी निवेश योजनाएं शुरू की हैं जिनमें निवेश करके आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं। ऐसी ही एक योजना के बारे में हम आपके बता रहे हैं।
छोटी-छोटी बचत योजनाएं हर निवेशक के लिए एक बड़ा आकर्षण होती हैं। सरकार की ओर से इन दिनों कई स्माल सेविंग स्कीम्स चलाई जा रही हैं, जो आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती हैं। इनमें थोड़ा पैसा लगाकर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है। अगर आपके पास एकमुश्त पैसा नहीं जुट पाता तो आप थोड़ा-थोड़ा निवेश करके भविष्य के लिए अच्छा-खासा फंड बना सकते हैं।
ऐसी ही एक योजना है सुकन्या समृद्धि योजना। यह योजना देश की बेटियों का भविष्य संवारने के लिए बनाई गई है। अगर आप भी अपनी बेटी की शादी या उसकी अच्छी शिक्षा के लिए निवेश करना चाहते हैं तो सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करना एक अच्छा विकल्प है।
इस योजना के तहत 10 साल या उससे कम उम्र की लड़की के अभिभावक या माता-पिता अकाउंट खुलवा सकते हैं। इसमें निवेश की लागत भी बहुत कम आती है। केवल 250 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है। अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक इस योजना के तहत जमा कर सकते हैं।
इस योजना में ब्याज भी अन्य योजनाओं के मुकाबले बेहतर मिलता है। फिलहाल इस योजना में सालाना 7.6 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिल रहा है। अगर अधिकतम निवेश की लिमिट 1.50 लाख रुपये को आधार बनाया जाए तो मंथली आपको इस योजना में 12500 रुपये देने होते है।
अगर यही ब्याज दर बनी रहे तो 14 साल तक लगातार निवेश करने पर आपका कुल मूलधन 22.50 लाख रुपये हो जाता है। मैच्योरिटी पर आपको 63.65 लाख रुपये मिल सकते हैं। इस तरह आपको 41.15 लाख रुपये का फायदा हुआ। इस योजना में टैक्स छूट में लाभ भी मिलता है।
वैसे तो इस योजना का मेच्योरिटी पीरियड 21 साल का है, लेकिन इसमें सिर्फ 14 साल तक ही पैसे जमा करना होता है। बाकी साल के लिए ब्याज जुड़ता रहता है। आप इस योजना में जितना पैसा लगाएंगे, मेच्योरिटी पर आपको रिटर्न लगभग 3 गुना मिलेगा। मौजूदा ब्याज दरों पर इस स्कीम के जरिए अधिकतम 63.50 लाख रुपये तक की रकम जुटाई जा सकती है।
सुकन्या समृद्धि योजना में हर महीने की पांच और अंतिम तारीख के बीच उपलब्ध मिनिमम बैलेंस पर ही ब्याज मिलता है। इसका मतलब यह है कि अगर आप महीने की 5 तारीख से पहले या 5 तारीख तक इसमें पैसा नहीं लगाते तो आपको उस महीने के लिए ब्याज नहीं मिलेगा। आपको बता दें कि योजना में ब्याज का कैलकुलेशन मासिक आधार पर किया जाता है, लेकिन पूरा ब्याज वित्त वर्ष के अंतिम दिन 31 मार्च को ही क्रेडिट होता है।