Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
जिले में बंगाली मूर्तिकार का परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी करते चले आ रहे मूर्तियों का व्यवसाय

रामानुजगंज(पृथ्वीलाल केशरी) इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर सोमवार से शुरू हो रहे हैं नवरात्रि के दौरान शक्ति कि देवी मां दुर्गा की पूजा- अराधना अलग-अलग रूपों में नौ दिनों तक चलती है. यह त्यौहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है बलरामपुर जिले में भी तैयारियां शुरू हो चुकी है बंगाली समुदाय के मूर्तिकार मां दुर्गा सहित मां सरस्वती, लक्ष्मी, भगवान गणेश और कार्तिकेय कि मुर्तियां बनाने में जुटे हुए हैं. रामानुजगंज क्षेत्र के ग्राम धनगांव में मुर्तिकार सुशांत मंडल के साथ उनका पूरा परिवार मुर्तियां बनाने के काम में जुटा हुआ है इस बार उन्हें 6 मूर्तियों के ऑर्डर मिले हैं।

दो साल के कोरोना काल के बाद इस बार पूरी धूमधाम से शक्ति की उपासना का यह त्यौहार मनाने के लिए श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. ग्राम पंचायत धनगांव में मुर्तिकार सुशांत मंडल का परिवार 3 पीढ़ियों से मुर्तियां बनाकर बेचने का व्यवसाय कर रहे हैं।वहीं पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए आसपास में आसानी से मिलने वाली चिकनी एवं डोमट मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है इसके अलावा मुर्तियां को फिनिशिंग देकर आकर्षक बनाने के लिए कलकत्ता की विशेष प्रकार की गंगा मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है गंगा मिट्टी सफेद रंग की होती है जो प्रतिमाओं को आकर्षक बनाती है.

अधिकतम 8 फीट ऊंचाई की बनाई गई हैं मूर्तियां

मुर्तिकार सुशांत मंडल ने बताया कि उन्हें इस बार 6 मुर्तियां बनाने का ऑर्डर मिला है मां दुर्गा की मूर्ति अधिकतम ऊंचाई 8 फीट की है जबकि मां सरस्वती, लक्ष्मी भगवान गणेश और कार्तिकेय कि मूर्तियां 4 -5 फीट की बनाई जा रही है. हालांकि पहले की तरह इस व्यवसाय में लाभ नहीं मिल रहा है.

पन्द्रह हजार से लेकर तीस हजार तक रखे गए हैं मूर्तियों के रेट

मूर्तिकार सुशांत के साथ इस काम में उनकी पत्नी और भाई भी जुटे हुए हैं कोरोना के दौर में उनका यह पैतृक व्यवसाय चौपट हो गया था हालांकि इस वर्ष यह व्यवसाय भी पटरी पर लौट रहा है. मूर्तियों के सेट में पांच मूर्तियां बनाई गई हैं जिसमें मां दुर्गा सहित मां लक्ष्मी, सरस्वती भगवान गणेश और कार्तिकेय कि प्रतिमा है जिनकी कीमत पन्द्रह हजार रुपए से लेकर तीस हजार रुपए तक रखी गई है.

दादा अतुल मंडल थे जिले के पहले प्रसिद्ध मुर्तिकार

सुशांत मंडल के दादा अतुल मंडल इस क्षेत्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार थे. बलरामपुर जिले में सबसे पहले मुर्तियां बनाने का व्यवसाय उन्होंने ही शुरू किया था सुशांत मंडल ने भी मूर्तियां बनाने का काम अपने दादा अतुल मंडल से ही सीखा है.

The post जिले में बंगाली मूर्तिकार का परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी करते चले आ रहे मूर्तियों का व्यवसाय appeared first on CGWALL-Chhattisgarh News.

https://www.cgwall.com/bengali-sculptors-family-has-been-doing-the-business-of-idols-from-generation-to-generation/