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ननकी के बयान से स्पष्ट रमन सरकार की लापरवाही से 58 प्रतिशत आरक्षण रद्द

रायपुर/22 सितंबर 2022। पूर्व गृहमंत्री एवं विधायक ननकी राम कंवर के प्रेस वार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में पूर्व गृहमंत्री एवं विधायक ननकी राम कंवर ने स्वीकार किया कि रमन सरकार के दौरान आरक्षण के संबंध में न्यायालय में जवाब देने उनकी अध्यक्षता में गठित मंत्रीमंडलिय समिति के सिफारिश को नहीं माना और न्यायालय में भी समिति के सिफारिश को प्रस्तुत नहीं किया।

ननकी राम कंवर के बयान से भाजपा के आरक्षण विरोधी चरित्र का पर्दाफाश हो गया। राज्य में लागू 58 प्रतिशत आरक्षण पर लगा रोक रमन सरकार की आरक्षण विरोधी, आदिवासी विरोधी, पिछड़ा वर्ग विरोधी, अनुसूचित जाति विरोधी, होने का प्रमाण है।

रमन सरकार ने न्यायालय में जो एफिडेविट फाइल किया उसमे भी 58 प्रतिशत आरक्षण किस आधार पर दिया गया है उसके लिए कमेटी गठन का जिक्र नही किया न्यायलय को गुमराह किया और आरक्षित वर्ग को भी भ्रम में रखा।

रमन सरकार न्यायालय में दिये एफिडेविट में कमेटी गठन का जिक्र किया होता तो वर्तमान में राज्य सरकार के द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत की गयी ननकी राम कंवर कमेटी की अनुशंसा खारिज नहीं होती और राज्य में 58 प्रतिशत आरक्षण लागू होता।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन भाजपा की सरकार ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए एक वर्ग को आरक्षण को बढ़ाया वही दूसरे वर्ग के आरक्षण में कटौती कर दिया और वर्ग वर्ग के बीच मतभेद उत्पन्न कर विवाद उत्पन्न कर अपनी आरक्षण विरोधी मंशा को पूरा करने काम किया है।

पूरा प्रकरण न्यायालय में जाने के बाद आज जो माननीय न्यायालय में 58 परसेंट आरक्षण को वापस पचास परसेंट कर दिया तब भाजपा अपनी नाकामी छुपाने के लिए कांग्रेस सरकार पर झूठे आरोप लगा रही है जबकि रमन सरकार के दौरान न्यायालय में दी गई एफिडेविट में कमेटी गठन का जिक्र नहीं होने के कारण ननकीराम कंवर के अनुशंसा को अस्वीकार कर दिया गया ऐसे में रमन भाजपा सरकार की आरक्षण विरोधी मंशा जगजाहिर हो गई है।

कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की सरकार उच्च न्यायालय के फैसले खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करेगी और आरक्षित वर्ग को उनके आरक्षण का लाभ देने के लिए मजबूती से पक्ष रखेगी। वैसे भी आर एस एस और भाजपा के नेता कई बार सार्वजनिक मंचों से आरक्षण को खत्म करने की बात कह चुके है।

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