Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
माओवादी बातचीत के लिए तैयार लेकिन…

रायपुर | संवाददाता: सीपीआई माओवादी ने छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा के शांति वार्ता के प्रस्ताव पर सशर्त सहमति जताई है. माओवादी प्रवक्ता ने कहा है कि इन शर्तों को मानने के बाद बातचीत का विधि-विधान एजेंडा और मुद्दे अलग से तय किए जा सकते हैं.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने सत्ता में आने के बाद साफ़-साफ़ कहा था कि माओवादियों से संवाद की कोई जगह नहीं है. लेकिन बाद में उन्होंने माओवादियों से बातचीत की पेशकश करते हुए कहा कि माओवादी चाहें तो वीडियो कॉल पर भी वो बात करने के लिए तैयार हैं.

अब सीपीआई माओवादी के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बातचीत का प्रस्ताव चाहे उप मुख्यमंत्री द्वारा हो या इसके पहले के मुख्यमंत्रियों द्वारा या फिर देश के गृहमंत्री द्वारा किया गया हो, बेईमानी भरा और जनता को धोखा देने वाला ही रहा.

माओवादी प्रवक्ता ने अपने बयान में राज्य सरकार के ऑपरेशन कगार का जिक्र करते हुए कहा कि इसके तहत बीएसएफ और आईटीबीपी के 6 हजार बलों को बस्तर संभाग के अबूझमाड़ में उतारा गया. इन जवानों के साथ 40 और नए कैंप स्थापित करने वाले हैं.

प्रवक्ता ने कहा है कि भाजपा के छत्तीसगढ़ राज्य में सत्तारूढ़ होने के डेढ़ माह के भीतर मुठभेड़ों, क्रॉस फायरिंग के नाम पर बस्तर संभाग में 10 आदिवासियों की जघन्य हत्या की गयी. यह प्राकृतिक संपदाओं व संसाधनों की कॉरपोरेट लूट के लिए बस्तर संभाग के आदिवासियों के कत्लेआम के सिवाय और कुछ नहीं है.

माओवादी प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा है कि जनता के व्यापक हितों के मद्देनजर हमारी पार्टी वार्ता के लिए हमेशा तैयार है. लेकिन वार्ता के लिए पार्टी के भीतर एवं जनता के साथ जरूरी सलाह-मशविरा, आदान-प्रदान के लिए सरकारें अनुकूल माहौल निर्मित करे.

शांति वार्ता के लिए अपनी शर्त रखते हुए माओवादी प्रवक्ता ने कहा है कि इसके लिए तमाम सशस्त्र बलों को 6 माह के लिए बैरकों तक सीमित किया जाए, नए कैंप स्थापित करना बंद किया जाए, राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए. सरकार ईमानदार से इन न्यूनतम बातों पर अमल करे, फिर हम सीधी वार्ता या वर्चुअल / मोबाइल वार्ता के लिए आगे आएंगे. बातचीत का विधि-विधान एजेंडा और मुद्दे अलग से तय किए जा सकते हैं.

पहले भी कोशिश हो चुकी है

आंध्र प्रदेश में माओवादियों से बातचीत की दो कोशिशें हो चुकी हैं.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य सरकार को माओवादियों से बातचीत का सुझाव दिया था.

छत्तीसगढ़ में यूपीए शासनकाल में स्वामी अग्निवेश की पहल पर माओवादियों से बातचीत की कोशिश की गई थी.

इसके लिए तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम ने स्वामी अग्निवेश से बातचीत की मध्यस्थता की बात कही थी.

लेकिन इस बातचीत की तैयारी के लिए आ रहे माओवादी प्रवक्ता चेरुकुरी राजकुमार उर्फ आजाद और पत्रकार हेमचंद्र पांडे, संदिग्ध परिस्थितियों में 2 जुलाई 2010 को कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे गये थे.

इसके बाद स्वामी अग्निवेश ने पी चिदंबरम पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था और कहा था कि चिदंबरम ने इन दोनों लोगों की हत्या कराई.

लोकसभा में 11 अगस्त 2010 को सरकार की रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले की जांच की मांग की तो गृहमंत्री पी चितंबरम ने किसी भी जांच से साफ इंकार कर दिया.

इसके बाद भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने भी मामले में हस्तक्षेप किया था.

इस पर पी चिदंबरम ने सवाल उठाने वालों से ही पूछा कि किस क़ानून के तहत केंद्र सरकार को माओवादी नेता की मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की जांच करानी चाहिए?

चिदंबरम ने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है और इसे कायम रखने का जिम्मा राज्य पर होता है. यदि आप जांच चाहते हैं तो राज्य विधानसभा में अपनी पार्टी के विधायकों से यह मुद्दा उठाने के लिए कहिए. वहां से इस संबंध में प्रस्ताव पारित कराइए.

The post माओवादी बातचीत के लिए तैयार लेकिन… appeared first on छत्तीसगढ़ खबर : खबर दुनिया भर.

https://cgkhabar.com/maoist-peace-talk-in-chhattisgarh-20240216/