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राजनांदगांंव : दुष्कर्मी को आजीवन कारावास की सजा एवं बीस हजार रूपये का अर्थदंड

राजनांदगाँव – मामला यह है कि, नाबालिक युवती के पिता और आरोपी जयेश चावडा पिता स्व हरीश चावडा, उम्र 40 साल, निवासी केला बाड़ी (छुईखदान) की दोस्ती थी जिसके कारण आरोपी नाबालिक के यहाँ आना-जाना करता था। मार्च 2020 में नाबालिक द्वारा अपने माता-पिता को बतायी कि, जब वह स्कूल से घर वापस आ रही थी, तब आरोपी जयेश चावड़ा ने उसे अपने कार में बैठा लिया और अन्यत्र ले जाकर उसके साथ अश्लील हरकत किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दिया और वापस उसे घर लाकर छोड़ दिया। आरोपी जयेश द्वारा वर्ष 2019 से लगातार नाबालिक को जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म करता रहा। नाबालिक की माँ के लिखित शिकायत के आधार पर थाना लालबाग द्वारा मामला पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया था। विवेचना के दौरान थाना लालबाग द्वारा आरोपी जयेश चावडा को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था तथा संपूर्ण विवेचना उपरान्त आरोपी जयेश चावडा के विरुद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 376, 506 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम ( पाक्सो एक्ट), 2012 की धारा 6 के तहत् चालान विचारण हेतु विशेष न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।

न्यायालय माननीय अपर सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट (पाक्सो) राजनांदगाँव पीठासीन न्यायाधीश श्री अविनाश तिवारी द्वारा विचारण उपरान्त मामले में निर्णय घोषित कर अभियुक्त जयेश चावडा के विरुद्ध आरोप साबित पाये जाने पर अभियुक्त जयेश को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 363 के तहत् 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/-रुपये का अर्थदंड, अर्थदंड की राशि अदा न किये जाने पर एक माह का सश्रम कारावास अतिरिक्त, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 366 के तहत् 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/-रुपये का अर्थदंड, अर्थदंड की राशि अदा न किये जाने पर दो माह का सश्रम कारावास अतिरिक्त, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 506 भाग-2 के तहत् 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/-रुपये का अर्थदंड, अर्थदंड की राशि अदा न किये जाने पर एक माह का सश्रम कारावास अतिरिक्त एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो एक्ट) की धारा 5 (ठ) / 6 के तहत् आजीवन कारावास (जिसका अभिप्राय अभियुक्त के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास होगा) एवं 20,000 /- रुपये (बीस हजार रुपये) का अर्थदंड, अर्थदंड की राशि अदा न किये जाने की स्थिति में एक वर्ष का सश्रम कारावास अतिरिक्त में की सजा भुगताये जाने का दण्डादेश पारित किया गया। मामले में छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पाक्सो एक्ट) राजनांदगाँव श्री परवेज अख्तर ने पैरवी की।

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