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राजनांदगांव : जिले में हरेली तिहार एवं रोका-छेका अभियान का हुआ आयोजन

– हमर गौठान अभियान चलाकर गौठानों में उपलब्ध गोबर को टांकों में डालकर वर्मी कम्पोस्ट का किया जा रहा उत्पादन
– महाअभियान चलाकर शत-प्रतिशत पशुपालकों से किया गया गोबर क्रय
– निरंतर अभियान चलाने से राज्य स्तर पर जिला दूसरे स्थान पर हुआ अग्रसर
– ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गोबर विक्रताओं को कुल 12 करोड़ 77 लाख 62 हजार 582 रूपए का भुगतान
– कृषकों को उड़द, रागी बीज, सोयाबीन एवं अरहर बीज मिनीकिट, स्प्रेयर व सिंचाई पंप का किया गया वितरण

राजनांदगांव । छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ फसल बुआई के पूर्व खुले में चराई कर रहे पशुओं के नियंत्रण के लिए हरेली तिहार के अवसर पर रोका-छेका अभियान का आयोजन किया गया। छुरिया विकासखंड के ग्राम कलडबरी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में जिला स्तरीय हरेली महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी एवं संस्कृति विभाग एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री अमरजीत भगत शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने वृक्षारोपण किया तथा कृषकों को उड़द एवं रागी बीज का वितरण किया। हरेली तिहार के अवसर पर जिले के सभी गौठानों, शासकीय कार्यालयों, कृषकों के खेतों, मेड़ों, अमृत सरोवरों में वृक्षारोपण किया गया। फसल को चराई से बचाने के लिए पशुओं को गौठानों में नियमित रूप से लाये जाने हेतु जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों से चर्चा कर ग्राम में मुनादी कराई गई। जिले के सभी 8 रीपा गौठानों में गौमूत्र खरीदी किया गया तथा गौ मूत्र से जैविक पौधसंरक्षण, औषधि नीमास्त्र-ब्रम्हास्त्र तैयार करने महिला स्वसहायता समूहों को प्रशिक्षण भी दिया गया।
विकासखंड स्तरीय कार्यक्रम में किसानों को उड़द, सोयाबीन एवं अरहर बीज मिनीकिट, रागी बीज एवं कृषकों को स्प्रेयर व सिंचाई पंप का वितरण किया गया। जिले में खरीफ 2023 हेतु बीज, उर्वरक, जैव उर्वरक एवं पौध संरक्षण औषधियों की कृषकों द्वारा व्यवस्था की जा रही है। जिसमें वर्मी कम्पोस्ट एक महत्वपूर्ण आदान के रूप में कृषकों द्वारा खेतों में उपयोग किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना के तहत संचालित गौठानों में गोबर क्रय, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन, विक्रय एवं आजीविका से संबंधित गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। जिसके तहत ग्रामीण एवं शहरी पशुपालकों की अर्थव्यवस्था में सुधार आ रहा है। इस योजना अंतर्गत गोबर से निर्मित वर्मी कम्पोस्ट कार्बनिक खाद से कृषकों के खेतों में जैविक खेती की दिशा में उत्कृष्ट पहल की जा रही है। रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का उपयोग कम होने से भूमि, जल, वायु, पर्यावरण के प्रदूषण को कम करके भोज्य श्रंृखला में रसायनों के अवशेष को कम किया जा रहा है। जिससे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में सुधार होने की पूर्ण संभावना है। वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से भूमि की भौतिक दशा में सुधार हो रहा है एवं उपजाऊ क्षमता में वृद्धि हो रही है। भूमि में कार्बनिक अंश में वृद्धि हुई है। खरीफ वर्ष 2023 के लिए रासायनिक उर्वरकों के खपत को कम करके गुणवत्तापूर्ण अधिकतम वर्मी कम्पोस्ट कृषकों को उपलब्ध कराने की दिशा में सार्थक प्रयास किए जा रहा है।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह के मार्गदर्शन में योजना के सुचारू संचालन के लिए 16 जून 2023 को हमर गौठान अभियान चलाकर गौठानों में उपलब्ध गोबर को टांकों में डालकर वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा रहा है। विशेष कार्यक्रम आयोजित कर 21 एवं 22 जून 2023 को उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट को कृषकों को वितरण किया गया। महाअभियान चलाकर 25 एवं 26 जून 2023 को शत-प्रतिशत पशुपालकों से गोबर क्रय किया गया। निरंतर अभियान चलाने से राज्य स्तर पर जिला दूसरे स्थान पर अग्रसर हुआ है। वर्तमान में जिले में सभी 4 विकासखंडों के 407 ग्राम पंचायतों के 421 सक्रिय गौठानों में 638812.91 क्विंटल गोबर खरीदी कर कुल 172884.56 क्विंटल कम्पोस्ट का उत्पादन के विरूद्ध 149301.83 क्विंटल कम्पोस्ट का विक्रय किया गया है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गोबर विक्रताओं को कुल 12 करोड़ 77 लाख 62 हजार 582 रूपए का भुगतान किया गया है। 1 से 13 जुलाई 2023 तक पशुपालकों एवं गोबर विक्रेताओं को 15 लाख 99 हजार 182 रूपए उनके बैंक खाते में अंतरित की गई है। ग्रामीणों एवं पशुपालकों के सक्रिय सहभागिता से गौठानों को स्वावलंबी बनाने निरंतर सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। गोधन न्याय योजना ग्रामीण एवं शहरी पशुपालकों के आय और रोजगार सृजन का लाभकारी साधन बन गया है।

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