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लंपी वायरस : राजस्‍थान से मप्र होते हुए छग पहुंचा

नेशन अलर्ट/रायपुर.

गौ वंश के लिए कहर बनकर आए लंपी वायरस की आमद छत्‍तीसगढ़ में हो चली है। पहले राजस्‍थान में इस वायरस ने गौमाता को अपनी चपेट में लिया था। इसके बाद बीते सप्‍ताह भर से मध्‍यप्रदेश के गौवंश इससे पीडि़त-प्र‍ताडि़त हो रहे थे। अब यह छत्‍तीसगढ़ में गाय, बैलों को अपनी चपेट में ले सकता है।

उल्‍लेखनीय है कि राजस्‍थान के 12.50 लाख गौ वंश लंपी वायरस से जूझ रहे हैं। यह देश में सर्वाधिक है। भारत में 18.50 लाख के करीब गौ वंश को इस वायरस ने अपनी चपेट में लेकर रखा है। राजस्‍थान इस हद तक इस समस्‍या से जूझ रहा है कि पांच मर्तबा केंद्र से टीम राजस्‍थान के दौरे पर जा चुकी है। राजस्‍थान में भी दौसा जिले के 60 प्रतिशत पशु लंपी की चपेट में बताए जाते हैं।

मप्र के 26 जिले प्रभावित

पड़ोसी राज्‍य मध्‍यप्रदेश के 26 जिले इस वायरस के संक्रमण से प्रभावित बताए जाते हैं। अब तक की जानकारी के मुताबिक 7686 पशु इसकी चपेट में आए हुए थे। इनमें से 5432 को ठीक किया जा चुका है। कुल जमा 101 पशुओं की मौत मध्‍यप्रदेश में इस बीमारी के चलते हो चुकी है। मौत के मामले में सर्वाधिक खराब स्थिति खंडवा जिले की बताई जाती है जहां 17 गाय दम तोड़ चुकी हैं।

इसके अलावा नीमच और मनसौर में 15-15, बैतूल में 13, उज्‍जैन और बुरहानपुर में 10-10, अलीराजपुर और रतलाम में 7-7, हड़दा और झाबुआ में 2-2, भिंड और इंदौर जिले में 1-1 पशु की लंपी वायरस के चलते मौत की खबर है। इंदौर संभाग के ही 385 गांवों के 2000 से ज्‍यादा गाय भैंस इसकी चपेट में आ चुके हैं।

छग में दिखने लगे लक्षण

मध्‍यप्रदेश से सटे होने के कारण छत्‍तीसगढ़ के भी पशु इसकी चपेट में आ सकते हैं। फिलहाल इसके लक्षण दिखाई देने लगे हैं। दुर्ग के महावीर कॉलोनी में एक गाय को लंपी वायरस की चपेट में आने के बाद तलाशने का काम किया जा रहा है। कांति पारख बताते हैं कि उनके यहां एक मवेशी को लंपी वायरस होने की आशंका के चलते चिकित्‍सक उसे दो इंजेक्‍शन लगाने के साथ उसके ब्‍लड सैंपल लेकर गए हैं। उनकी गौशाला में 500 से अधिक मवेशी रहते हैं जिस कारण उन्‍हें ज्‍यादा सावधानी बरतनी पड़ रही है।

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