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लघु वनोपज प्रबंधक संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, जानिए क्या है मांगे

नितिन@रायगढ़। अपनी मांगों को मनवाने के लिए आर-पार की लड़ाई के मूड में आ चुके लघु वनोपज प्रबंधक संघ ने अपनी अनिश्चित कालीन हड़ताल प्रारंभ कर दी है। संघ ने अपनी यह हड़ताल चार सूत्रीय मांगों को लेकर शुरू की है। उन्होंने बताया कि हड़ताल शुरू करने के पूर्व संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) से मुलाकात की थी.इसके बाद इन लोगों ने बताया कि 36 सालों से अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सरकारों ने कभी उनकी नहीं सुनी. ऐसे में 6 फरवरी 2024 से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर आ गए है.बताया जा रहा है कि हड़ताल लम्बा चलने से प्रदेश के करीब 52 लाख संग्राहकों पर इसका असर पड़ेगा.

इनकी मांगों में पहली और प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। इसके बाद वित्त विभाग से अनुमति मिलने पर भी प्रबंधकों को 7, 8, 9 ग्रेड पे नहीं मिलने से भी छत्तीसगढ़ लघु वनोपज प्रबंधक संघ नाराज है.

लघु वनोपज संघ के जिला अध्यक्ष यशवंत सीदार ने बताया कि प्रबंधक पिछले 36 सालों से 14 लाख लघु वनोपज संगठनकर्ता परिवारों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचा रहे हैं. जिनमें मुख्य रूप से तेंदूपत्ता संग्रहण, भुगतान, बोनस का वितरण, 14 लाख परिवारों का बीमा, छात्रवृत्ति, 65 प्रकार के लघु वनोपज का न्यूनतम संग्रहण दर में संग्रहण आदि शामिल हैं.
हम प्रबंधकों की मेहनत से ही कारण छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संग्रहण में पूरे देश मे नंबर एक है. लघु वनोपजों के संग्रहण में प्रदेश सरकार को 13 राष्ट्रीय अवार्ड भी मिले हैं. फिर भी सरकार और अधिकारी 36 सालों से प्रबंधकों का सिर्फ शोषण कर उन्हें छल रहे हैं. सिदार ने कहा कि 2016 में प्रबंधकों के लिए सेवा नियम भी लागू किया गया था। जिसमें साफ लिखा है कि एक साल की परिवीक्षा अवधि के बाद प्रबंधक नियमित माने जाएंगे। लेकिन उसे भी अब तक धरातल पर नहीं लाया गया है। जिसके चलते प्रदेश के समस्त प्रबंधकों ने 6 फरवरी से अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी है। हमारी मांगों में यह भी शामिल है कि दूसरे सरकारी कर्मचारियों की तरह हमे भी शासन हमारे खाते में महीने के पहले सप्ताह में वेतन प्रदान करें। सिदार की माने तो मांग पूरी नहीं होने तक संघ के लोग अनिश्चित कालीन हड़ताल में रहेंगे। जिससे होने वाली क्षति की जिम्मेदारी शासन की होगी।

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