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कार्यकर्ताओं में जोश भरने शोभा का सहारा लिया
पूर्व महापौर को राष्‍ट्रीय संगठन सह महामंत्री ने श्रद्धांजलि दी

नेशन अलर्ट/राजनांदगांव.

भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी 2022 में ही शुरू कर दी है। पार्टी का एक एक विषय पर मंथन चल रहा है। इसी मंथन का नतीजा था कि राजनांदगांव की पूर्व महापौर शोभा सोनी की साफ सुथरी छवि के सहारे कार्यकर्ताओं में जोश भरने उनकी पुण्‍यतिथि गरिमामय माहौल में मनाई गई। भाजपा के राष्‍ट्रीय संगठन सह महामंत्री शिवप्रकाश ने भी श्रीमति शोभा सोनी के तैलचित्र पर माल्‍यार्पण कर उन्‍हें पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता बताया।

दरअसल, भाजपा हर हाल में राजनांदगांव जिले में अपनी स्थिति सुधारना चाहती है। अविभाजित राजनांदगांव जिले के समय जब 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे तब मोहला-मानपुर, खुज्‍जी, डोंगरगांव, डोंगरगढ़, खैरागढ़ जैसे विधानसभा क्षेत्र भाजपा को अपने प्रतिद्वदियों के हाथों गंवाने पड़े थे। सिर्फ राजनांदगांव विधानसभा सीट ऐसी थी जहां से भाजपा जीती जरूर थी लेकिन वह भी कोई गरिमामयी जीत नहीं थी।

तीन बार के मुख्‍यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह को कांग्रेस की प्रत्‍याशी रही श्रीमति करूणा शुक्‍ला ने चुनावी लड़ाई में नाको चने चबवा दिए थे। करूणा पहले भाजपा में रहीं थी। उन्‍होंने सीधे तौर पर डॉ.रमन सिंह और उनके परिवार पर भ्रष्‍ट आचरण का आरोप लगाते हुए भाजपा को अलविदा कहा था।

एक ऐसी महिला जिसके परिवार से भाजपा को देश का प्रधानमंत्री (स्‍वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी) मिला रहा हो वह भाजपा के राज्‍य नेतृत्‍व को भ्रष्‍ट बताते हुए उसकी मुख्‍य प्रतिद्वंदी पार्टी कांग्रेस प्रवेश कर ले तो यह चौंकाने वाला ही था। फिर चौंकाने वाला फैसला तब के प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष रहे भूपेश बघेल ने लिया था। उन्‍होंने डॉ. रमन के खिलाफ सीधे करूणा शुक्‍ला को उतारकर उन्‍हें घेरने का प्रयास किया था।

जो मुख्‍यमंत्री अपने लिए नए नवेले क्षेत्र डोंगरगांव विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़कर 10 हजार 111 मतों से जीता था वही मुख्‍यमंत्री राजनांदगांव विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर करूणा शुक्‍ला के खिलाफ महज 16 हजार 933 मतों से जीत पाया था। नहीं तो इसके पूर्व उन्‍होंने 2008 के विधानसभा चुनाव में तब के कांग्रेसी प्रत्‍याशी उदय मुदलियार को 32 हजार 389 मतों से हराया था।

झीरम के नक्‍सली हमले में उदय मुदलियार भी शहीद हुए थे। उनकी शहादत को भुनाने के प्रयास में कांग्रेस ने भले ही 2013 के विधानसभा चुनाव में मुदलियार की विधवा श्रीमति अलका मुदलियार को राजनांदगांव से टिकट दी थी लेकिन डॉ. रमन सिंह ने अलका मुदलियार को भी 2008 की तुलना में 2013 में 35 हजार 886 मतों से बड़ी पराजय दी थी।

वही मुख्‍यमंत्री 2018 के आते तक इतना कम लोकप्रिय रहा कि उन्‍हें महज 16 हजार 933 मतों से जीत मिली। दरअसल, यह करूणा की हार कर भी जीत थी। कांग्रेस की रणनीतिक तौर पर जीत थी। अब भाजपा इस सीट को हर हाल में बचाने का प्रयास कर रही है। तभी तो उसने राजनांदगांव की महापौर रहीं स्‍व. शोभा सोनी की जयंती बड़े ही गरिमापूर्ण ढंग से बीते दिनों मनाई है।

स्‍व. शोभा के छोटे भाई कमल सोनी जो कि भाजपा से जुड़े हैं बताते हैं कि राष्‍ट्रीय संगठन सह महामंत्री शिवप्रकाश ने उन्‍हें पुष्‍पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी थी। कार्यक्रम भाजपा के जिला कार्यालय में हुआ था। कार्यक्रम में पूर्व मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित सांसद संतोष पांडे, दुर्ग सांससद विजय बघेल, पूर्व विधानसभा अध्‍यक्ष प्रेमप्रकाश पांडे, राजनांदगांव के पूर्व सांसदगण अशोक शर्मा, मधुसूदन यादव व अभिषेक सिंह, जिला प्रभारी संजय श्रीवास्‍तव, वरिष्‍ठ नेता सच्चिदानंद उपासने, विद्यारतन भसीन, लाभचंद बाफना, केदार गुप्‍ता, खूबचंद पारख, लीलाराम भोजवानी जैसे भारी भरकम नामों ने शोभा को याद किया।

कार्यक्रम का लब्‍बोलुआब यह बताया जाता है कि शोभा के सहारे भाजपा एक बार फिर से राजनांदगांव में अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है। वह राजनांदगांव के अलावा अविभाजित राजनांदगांव जिले को एक बार फिर से जीतने के प्रयास में अभी से लगी हुई है। अब 2023 में भाजपा का प्रदर्शन शोभा के सहारे शोभायमान रहेगा कि नहीं ये तो आने वाला वक्‍त ही बताएगा लेकिन इतना तय है कि भाजपा अपने हर पुराने कार्यकर्ता को याद करने लगी है।

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