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रायपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने करो या मरो की स्थिति वाले इस विधानसभा चुनाव को जीतने अपना जी जान एक कर दिया है। इसमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की भी मदद ली जा रही है। बस्तर और बिलासपुर संभाग तो एक तरह से संघ नेताओं के जिम्मे ही कर दिए गए हैं।
पश्चिम बंगाल में प्रदेश भाजपा में संगठन महासचिव का दायित्व सतीश धोंड संभालते हैं। सतीश के ही जिम्मे राज्य के बिलासपुर संभाग का दायित्व सौंपा गया है।बिलासपुर संभाग अंतर्गत 25 विधानसभा और 4 लोकसभा वाले प्रदेश के कुल 8 जिले आते हैं। इन्हीं 4 लोकसभा क्षेत्रों में फैले 8 जिलों में पार्टी की रणनीति तैयार करने से लेकर उसे अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी सतीश संभाल रहे हैं।
बस्तर में झारखंड के सचिव सक्रिय
झारखंड में प्रदेश भाजपा में संगठन महासचिव का दायित्व कर्मवीर के जिम्मे है। कर्मवीर को ही इस बार भाजपा ने उस बस्तर संभाग में तैनात किया है जहां से फिलहाल पार्टी का कोई विधायक नहीं है। 7 जिलों में आने वाले बस्तर संभाग के 12 के 12 विधानसभा में विपक्षी विधायक ही काबिज हैं। दो लोकसभा में पार्टी के पास सिर्फ एक ही लोकसभा सीट है।
सरगुजा संभाग का दायित्व भाजपा के झारखंड के विधायक अनंत ओझा संभाल रहे हैं। 6 जिलों में फैले सरगुजा संभाग अंतर्गत एक लोकसभा व 14 विधानसभा सीट आती है। पिछली मर्तबा भाजपा का यहां पर भी प्रदर्शन ठीक ठाक नहीं रहा था।
दुर्ग संभाग का दायित्व बिहार से आए भाजपा विधायक संजीव चौरसिया को सौंपा गया है। 8 जिलों व 20 विधानसभा क्षेत्रों में फैले संभाग के अंतर्गत दो लोकसभा सीट आती है। लोकसभा में भाजपा प्रदर्शन तो बढि़या रहा था लेकिन विधानसभा चुनाव में वह मात खा गई थी।
बताया जाता है कि रायपुर संभाग का जिम्मा बिहार भाजपा के कोषाध्यक्ष दिलीप जायसवाल संभाल रहे हैं। उन्हें 6 जिलों की 19 विधानसभाओं और 2 लोकसभा सीटों पर पार्टी के लिए रणनीति का पालन कैसे और किससे कराया जाए इसे ध्यान देने लगाया गया है।
मतलब साफ है कि भाजपा इस बार विधानसभा चुनाव को हल्के में तो बिल्कुल नहीं ले रही है। उसने एक तरह से पूरी ताकत झोंक रखी है। और तो और पार्टी के आला नेता सहित प्रधानमंत्री, गृहमंत्री का भी ध्यान विशेष तौर पर छत्तीसगढ़ पर लगा हुआ है।