रायपुर। तीन जिलों के कलेक्टरों ने शुक्रवार को एस्मा लगने के बाद ड्यूटी पर न लौटने वाले करीब 1200 स्वास्थ्य कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इनमें कोरबा में 337, जगदलपुर में 269, कांकेर में 568 शामिल हैं। आज कुछ और जिलों में आदेश जारी होने के संकेत हैं । वहीं स्वास्थ्य कर्मचारी शनिवार को 13 वें दिन भी हड़ताल पर रहेंगे।दूसरी ओर कलेक्टरों के आदेशों का विरोध तेज हो रहा है । कर्मचारी नेताओं ने इसे सरकार का दमन कहते हुए चुनाव में देख लेने की चेतावनी भी दी है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन सरकार के दमनात्मक कार्यवाही का विरोध किया है। संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि प्रदेशभर में इसके विरोध में सोमवार को हर जिला, ब्लाक तहसील में सीएम के नाम से ज्ञापन दिया जाएगा।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांत अध्यक्ष, संरक्षक पीआर यादव ने कहा कि हड़ताली स्वास्थ्य कर्मियों की बर्खास्तगी हिटलरशाही है। इसका संघ कटु शब्दों में निंदा करते हुए राज्य शासन से मांग करता है कि बर्खास्तगी आदेश तत्काल वापस लिया जाए और हड़ताली स्वास्थ्य कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को बुलाकर उनकी मांगों पर लोकतांत्रिक तरीके से निराकरण किया जाए।
कर्मचारी नेता विजय कुमार झा एवं स्वास्थ्य संयोजक कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष टार्जन गुप्ता, नर्स कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष रीना राजपूत ने कहा है कि बस्तर में कांग्रेस को हराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने संकल्प ले लिया है। इसीलिए बस्तर में हड़ताली 296 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। हमेशा हड़ताल के दौरान सरकार व कर्मचारी संघ के बीच में ही चर्चा व निर्णय होता है।
किसी एक ब्लॉक,जिला, तहसील के अधिकारी को निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं होता है। राज्य शासन द्वारा ऐसा कोई आदेश से निर्देश जारी नहीं किया गया है। किंतु बस्तर के अधिकारी अफसरशाही लागू करते हुए स्वेच्छाचारिता से बर्खास्तगी का निर्णय लेकर ऐन चुनाव के समय गंगाजल की कसम खाने वाली कांग्रेस सरकार को अब राम तेरी गंगा मैली हो गई कि इस स्थिति में ला दिया है। नेतादय़ आंदोलनकारिर्यों की बर्खास्तगी की निंदा करते हुए आंदोलन को और तेज करने का संकल्प लिया है।
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