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Chhattisgarh Assembly Election 2023- Marwahi Seat 24: मरवाही विधानसभा: 19 साल जोगी परिवार के नाम रही यह सीट, अजीत जोगी और भंवर सिंग पोर्ते 4-4 बार यहां से रहे विधायक

– यहां कुल 14 चुनाव हुए, 11 बार कांग्रेस ने दर्ज की जीत, 2 जीत बीजेपी के नाम

एनपीजी एक्सक्लूसिव

रायपुर। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का गठन हाल ही में हुआ है। बिलासपुर से अलग कर इस जिले को अस्तित्व में लाया गया। लेकिन इस क्षेत्र को यहां के राजनीतिक परिदृश्य के कारण देशभर में जाना जाता है। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री ने मरवाही विधानसभा क्षेत्र से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। जब उन्होंने चुनाव लड़ा तो उनके लिए सीट छोड़ने वाला कोई और नहीं, भाजपा विधायक थे। इसके अलावा साल 2001 से लेकर 2020 तक 19 साल यह सीट जोगी परिवार के नाम रही। इस दौरान 14 साल तक अजीत जोगी और 5 साल उनके बेटे अमित जोगी यहां से विधायक रहे। साल 2018 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अजीत जोगी ने अपनी नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का गठन किया और अपनी परंपरागत सीट से चुनाव मैदान में उतरे। इस चुनाव में उन्होंने 46462 वोट के अंतर से भाजपा प्रत्याशी अर्चना पोर्ते को हराया। लेकिन साल 2020 में अजीत जोगी का निधन हो गया और इसी साल हुए उपचुनाव में कांग्रेस के डॉ. केके ध्रुव ने भाजपा के डॉ. गंभीर सिंह को करीब 38 हजार वोट के अंतर से हरा दिया। इस सीट पर सर्वाधिक वोट से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड पूर्व सीएम अजीत जोगी के नाम है। साल 2003 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के नंदकुमार साय को 54150 वोट के अंतर से हराया था।

इस सीट में कुल 14 चुनाव हुए, इसमें दो उपचुनाव

मरवाही विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव साल 1967 में हुआ। पहले चुनाव में कांग्रेस से एल सिंग और भारतीय जनसंघ से पूरन सिंग आमने-सामने थे। इस चुनाव में महज 120 वोट के अंतर से कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद से लेकर अब तक मरवाही विधानसभा में कुल 14 चुनाव हुए हैं। इसमें दो उपचुनाव भी शामिल है। इन चुनावों की बात करें तो कांग्रेस ने सर्वाधिक 11, भाजपा ने 2 और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने 1 बार जीत दर्ज की है। इस सीट से सर्वाधिक बार विधायक चुने जाने का खिताब अजीत जोगी और भंवर सिंग पोर्ते के नाम है। अजीत जोगी ने 3 बार कांग्रेस और 1 बार जेसीसीजे पार्टी के विधायक रहे। वहीं भंवर सिंग पोर्ते भी 3 बार कांग्रेस और 1 बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लडकऱ जीत दर्ज की।

भाजपा को 1990 में मिली पहली जीत

साल 1990 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के तीन बार के विधायक रहे भंवर सिंग पोर्ते भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस ने फत्ते सिंग को उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे करीब 20943 वोट के अंतर से चुनाव हार गए। इस तरह भाजपा को पहली जीत मिली।

जब कांग्रेसी सीएम के लिए भाजपा विधायक ने छोड़ दी अपनी सीट

बात साल 2000 की है। 1 नवंबर को मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ और राज्य की कमान अजीत जोगी को सौंपी गई। अजीत जोगी जब सीएम बनें तो वे विधानसभा के सदस्य नहीं थे। ऐसे में उन्हें 6 महीने के भीतर विधायक बनना था। अजीत जोगी ने चुनाव के लिए मरवाही विधानसभा सीट को चुना और उनके लिए भाजपा के तात्कालीन विधायक रामदयाल उइके ने अपनी सीट छोड़ दी। साल 2001 में छत्तीसगढ़ का पहला उप चुनाव हुआ और अजीत जोगी ने भाजपा के अमर सिंह को करीब 51 हजार वोट के अंतर से हरा दिया।

मरवाही विधानसभा सीट से अब तक के विधायकों की जानकारी –

वर्ष विधायक पार्टी

1967 एल सिंग कांग्रेस

1972 भंवर सिंग पोर्ते कांग्रेस

1977 भंवर सिंग पोर्ते कांग्रेस

1980 भंवर सिंग पोर्ते कांग्रेस

1985 दीनदयाल कांग्रेस

1990 भंवर सिंग पोर्ते भाजपा

1993 पहलवान सिंग कांग्रेस

1998 रामदयाल उइके भाजपा

2001 अजीत जोगी कांग्रेस (उपचुनाव)

2003 अजीत जोगी कांग्रेस

2008 अजीत जोगी कांग्रेस

2013 अमित जोगी कांग्रेस

2018 अजीत जोगी जेसीसीजे

2020 डॉ केके ध्रुव कांग्रेस (उपचुनाव)

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