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Dusshera 2022: दशहरा के दिन शमी पूजा का महत्व और लाभ, जानिए इस दिन कहां लगाएं ये पौधा

विजय दशमी के दिन से ही मांगलिक कर्मों की शुरूआत हो जाती है। इस दिन फसलों के साथ शस्त्रों की पूजा का भी विधान है। कन्या पूजन के बाद मां दुर्गा की इस दिन विदाई की जाती है और मां के सामने सत्य के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया जाता है।

शमी के वृक्ष से जुड़ी धार्मिक मान्यता और लाभ

धर्मानुसार दशहरा के दिन शमी के पेड़ की पूजा भी की जाती है। कहते हैं कि इस दिन शमी के वृक्ष को पूजना बहुत ही शुभकारी है। क्योंकि दशहरा के द‌िन शमी के वृक्ष की पूजा करें या संभव हो तो इस द‌िन अपने घर में शमी के पेड़ लगाएं और न‌ियम‌ित दीप द‌िखाने से समृद्धि बढ़ती है।

दशहरा के दिन शमी पूजा का महत्व बहुत अधिक है। दशहरा की शाम को शमी वृक्ष की पूजा करने से बुरे स्वप्नों का नाश , धन , शुभ करने वाले शमी के पूजा कर श्रीराम ने लंका पर विजय पाया था, पांडवों के अज्ञातवास में सहयोग मिला था। इससे शमी के पेड़ की धैर्यता ,तेजस्विता एवं दृढ़ता का भी पता चलता है।इसमें अग्नि तत्व की प्रचुरता होती है। इसी कारण यज्ञ में अग्नि प्रकट करने हेतु शमी की लकड़ी खास होती है।

मान्यता है क‌ि दशहरा के द‌िन कुबेर ने राजा रघु को स्वर्ण मुद्राएं देने के ल‌िए शमी के पत्तों को सोने का बना द‌िया था। तभी से शमी को सोना देने वाला पेड़ माना जाता है।

एक और धार्मिक मान्यता महाभारत से जुड़ी है। दुर्योधन ने पांडवों को बारह वर्ष के वनवास के साथ एक वर्ष का अज्ञातवास दिया था । तेरहवें वर्ष यदि उनका पता लग जाता तो उन्हें पुनः 12 वर्ष का वनवास भोगना पड़ता। इसी अज्ञातवास में अर्जुन ने अपना धनुष एक शमी वृक्ष पर रखा था तथा स्वयं वृहन्नला वेश में राजा विराट के यहां नौकरी कर ली थी। जब गोरक्षा के लिए विराट के पुत्र धृष्टद्युम्न ने अर्जुन को अपने साथ लिया, तब अर्जुन ने शमी वृक्ष पर से अपने हथियार उठाकर शत्रुओं पर विजय प्राप्त की थी।

दशहरे पर कहां लगाए शमी का पौधा

शमी का पौधा विजयादशमी को लगाना शुभ होता है। इसे घर बाहर गमले में या जमीन पर कही भी लगा सकते हैं। इसके अलावा शमी को शनिवार के दिन लगाते हैं इसे ईशान कोण मे लगाना शुभ है। नियमित सुबह इसमें जल देना लाभकारी होता है।

ऐसे करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। घर में लगाएं हुए शमी के पौधे के नीचे हर शनिवार को दीपक जलाएं। यह दीपक सरसों के तेल का होना चाहिए। नियमित रूप से इसकी उपासना से शनि की हर प्रकार की पीड़ा का नाश होता है।

शमी के पत्ते जितना ज्यादा घने होते हैं, उतनी ही घर में धन-संपत्ति और समृद्धि आएगी। अगर शनि के कारण स्वास्थ्य या दुर्घटना की समस्या है, तो शमी की लकड़ी को काले धागे में लपेट कर धारण करें। शनि की शान्ति के लिए शमी की लकड़ी पर काले तिल से हवन करें।

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