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Nag Panchami Par Kya Upay Kare: नहीं छूएगा आपको काल, नाग पंचमी पर करेंगे कालसर्प दोष मुक्ति ये उपाय, जानिए

Nag Panchami Par Kya Upay Kare

नाग पंचमी पर क्या उपाय करें?

सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी  को नाग पंचमी मनाया जाता है। इस साल 21 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव  की कृपा पाने  के लिए कई लोग व्रत रखते हैं।  नाग पंचमी पर जीवन में सुख-समृद्धि, खेतों में फसलों की रक्षा के लिए नाग देवता की पूजा की जाती है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करके उन्हें दूध पिलाने का विशेष महत्व है। ऐसा करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर दया दृष्टि बनाए रखते हैं। साथ ही नाग पंचमी के दिन पूरे विधि-विधान से नाग देवता की पूजा और कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति को काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

कालसर्प दोष  कब होता है

कुंडली में राहु और केतु के अशुभ स्थिति के कारण कालसर्प दोष का निर्माण होता है। जब कुंडली में राहु और केतु आमने-सामने आ जाते हैं और बाकी 7 ग्रह इनके दूसरी तरफ हो जाते हैं, तब कालसर्प दोष लगता है। कुंडली में कालसर्प दोष के निर्माण से जातकों पर अन्य ग्रहों के द्वारा पड़ रहे शुभ प्रभाव कम हो जाते हैं। जिसके कारण व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

नाग पंचमी पर कालसर्प दोष मुक्ति के उपाय

नाग पंचमी के दिन शिवलिंग पर तांबे के लोटे से ही जल चढ़ाएं। इसके अलावा आप पीतल के लोटे का भी प्रयोग कर सकते हैं। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने के बाद उन्हें दूध, मिठाई और फल अर्पित करें। इस दिन भगवान शिव को बेलपत्र जरूर अर्पित करें साथ ही नाग देवता की विधिवत पूजा करें।

पंचमी पर्व की तिथि के अवसर पर जातकों को चांदी की धातु से नाग नागिन के जोड़े को तैयार करवाना चाहिए। तत्पश्चात नाग-नागिन के जोड़े का शुभ मुहूर्त में पूजन करना चाहिए। पूजन के पश्चात आप इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।

यदि आपके ऊपर कालसर्प दोष का साया मंडरा रहा है, अथवा आप कालसर्प दोष के दुष्प्रभावों से ग्रसित है तो आप इससे मुक्ति हेतु नाग पंचमी के शुभ अवसर पर किसी सपेरे को पैसे देकर अथवा किसी अन्य माध्यम द्वारा सपेरे से नाग-नागिन के एक जोड़े को जंगल में जाकर छुड़वा दें। इससे आपके कालसर्प दोष समाप्त हो जाएंगे।

आप अपनी क्षमता व श्रद्धा अनुसार नाग पंचमी के अवसर पर किसी ऐसे शिव मंदिर में नाग देवता की स्थापना करवाएं, जहां पर पहले से नाग देवता की स्थापना नहीं की गई हो। शिव मंदिर में नाग देवता को प्रतिष्ठित करवाने से आपके ऊपर नागदेव का आशीर्वाद सदैव बना रहेगा एवं आप सभी प्रकार के दोषों से मुक्त रहेंगे।

 कालसर्प दोष से ग्रसित हैं अथवा आपकी कुंडली में अन्य नागदंश से संबंधित किसी प्रकार की कोई समस्या हो, तो आप इस वर्ष की नाग पंचमी की तिथि से हर बुधवार अथवा शनिवार के दिन 7 मौली को शिव मंदिर में चढ़ाना आरंभ कर दें। आपके सभी समस्याओं का निदान होगा।

नाग पंचमी के दिन भगवान शिव शंकर के ऊपर चंदन का लेप करें अथवा चंदन की लकड़ी व इत्र को चढ़ाएं। भगवान शिव के अतिरिक्त आप भी अपने मस्तक पर चंदन लगाएं। ऐसा करने से आपका मस्तिष्क भी शांत रहेगा। इस वजह से आप अधिक सुचारू रूप से प्रसन्न मन से कार्य कर पाएंगे। इसके अतिरिक्त भगवान शिव की कृपा दृष्टि आप पर सदैव बनी रहे।

नाग पंचमी पर्व के अवसर पर आप अपने हाथों से शिव मंदिर में जाकर वहां की साफ सफाई करवाएं या फिर अगर संभव हो तो आप मंदिर में नव निर्माण अथवा मरम्मत या रंगाई पुताई से संबंधित कोई विशेष कार्य करवाएं। इससे भी आपके ऊपर भगवान शिव की कृपा दृष्टि बनी रहेगी।

मंत्रों को सदा सर्वदा ही सर्वत्र सर्वश्रेष्ठ माना गया है। भगवान शिव के कुछ विशेष मंत्रों का जप करें एवं कोशिश करें कि नाग पंचमी के शुभ अवसर पर आप अपने जीवन में किसी भी एक मंत्र को आजीवन भर के लिए धारण कर लें।

‘नागेन्द्र हाराय ॐ नम: शिवाय’

‘ॐ नागदेवतायै नम:’

‘ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नौ सर्प प्रचोद्यात्.’

नाग पंचमी पर्व के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु उनका विधि-विधान से पूजन करें एवं भगवान शिव को उनकी पसंदीदा चीजों से भोग लगाएं। आज के दिन आप शिवलिंग पर विजया, अर्क पुष्प, धतूर पुष्प फल आदि चढ़ाएं, साथ ही दूध से रुद्राभिषेक करवाएं।

नाग पंचमी के दिन बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे नाग देवता के लिए दूध रखें। ऐसा माना जाता है कि अगर नाग देवता आपके द्वारा रखा हुआ दूध पी लेते हैं तो इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है। कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को भगवान भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए और शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

नाग पंचमी मुहूर्त पूजा विधि 

इस साल सावन शुक्ल पंचमी तिथि 21 अगस्त 2023 को रात 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 22 अगस्त 2023 को दोपहर 2 बजे होगा।नाग पञ्चमी की पूजा का समय सुबह 06:05 से 08:41 मिनट तक है। पंचमी तिथि के दिन सुबह स्नान कर व्रत और पूजा का संकल्प लें। पूजा स्थल पर नाग देवता का चित्र गोबर या गीली मिट्टी से बनाएं। मिट्टी के नाग बना कर उनको चौकी पर स्थापित करें। कुछ लोग मुख्य द्वार पर नाग का चित्र बनाते हैं और उस पर दूध का भोग लगाते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर के मुख्य द्वार से सुख समृद्धि आती है। इस दिन हल्दी, रोली, चावल,कच्चा दूध और फूल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करें। नाग देवता से घर में सुख-शांति और सुरक्षा की प्रार्थना करें। एक पौराणिक मान्यता यह भी है कि नागदेवता की पूजा करने वाली महिलाएं नाग को अपना भाई मानती हैं और उनसे अपने परिवार की रक्षा का वचन लेती हैं और इस दिन नाग को दूध चढ़ाने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

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