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Sawan Me Upvas KE Niyam: दो माह के सावन में आपका बनेगा हर काम, बस इन नियमों का करें पालन और रखें कुछ बातों का ध्यान…

Sawan Me Upvas Ke Niyam : शिव की पूजा और भक्ति का माह सावन का विशेष महत्व होता है। इस माह में भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। इसलिए लोग सावन सोमवार का व्रत भी रखते हैं। इस बार 2 माह का सावन 4 जुलाई से शुरु हो रहा है।धार्मिक के साथ सेहत के लिए भी इन दिनों व्रत रखना सही रहता है क्योंकि इस समय पाचन क्रिया कमजोर रहती है, इसलिए इस माह फलाहार व्रत या एक समय भोजन करना सही रहता है। लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी भी होती हैं जिनमें व्रत नहीं रखना चाहिए।

सावन में ऐसे न रखे व्रत

व्रत के नियमों का पालन करना अति आवश्यक होता है। अगर व्रत का पालन नहीं करते हैं तो उस व्रत का फल प्राप्त नहीं होता है। व्रत के दिन और पूरे सावन माह में ब्रह्मचर्य का पालन करना अति आवश्यक होता है।व्रत में असत्य वचन नहीं बोलना चाहिए।

ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए, जो अधर्म के रास्ते पर चलते हों। किसी से ईर्ष्या की भावना अपने मन में न लाएं। व्रत के लिए सत्य, क्षमा, दया, दान, शौच, अग्निहवन, इन्द्रियों पर नियंत्रण, संतोष एवं अस्तेय इन गुणों का होना आवश्यक है।

अगर आपकी शारीरिक स्थिति ठीक नहीं है आप शारीरिक रूप से कमजोर हैं या बीमार हैं, बुखार की अवस्था है तो भी व्रत नहीं रखना चाहिए। छोटो बच्चों और वृद्धजनों को अपनी शारीरिक शक्ति के अनुसार फलाहार करते हुए व्रत करना चाहिए।

अगर कई काम होते हैं और व्रत के दौरान उन्हें करने में आपको किसी भी प्रकार का कष्ट होता हो, फिर चाहें वह कष्ट शारीरिक हो या मानसिक तो भी व्रत रखना उचित नहीं रहता है।

शौच अवस्था में व्रत रखना उचित नहीं रहता है अशौच की अवस्था अर्थात् सूतक, जन्म मरण के समय लगने वाली छूत, या मल-मूत्र आदि का स्पर्श हो जाने पर, क्योंकि इस अवस्था को अशुद्ध, मलीन माना जाता है।

अगर व्रत के दौरान मन स्थिर न रहें व्रत भंग होने की संभावना हो या उपवास में भी उत्तेजना होने वाले व्यक्ति को व्रत नहीं रखना चाहिए। क्योंकि व्रत करना एक संकल्प होता है और अगर आप संकल्प पूरा नहीं कर सकते तो व्रत रखना व्यर्थ होता है।

रजस्वला के दिनों में महिला को व्रत नहीं करना चाहिए। कहीं दूर यात्रा पर जा रहें हैं तो उपवास रखना आवश्यक नहीं होता है।युद्ध की स्थिति में भी व्रत का त्याग करना चाहिए।

सावन के लाभकारी नियम

सावन में हर दिन सूर्योदय से पहले उठकर नहा धोकर स्वच्छ कपड़े पहन लेना चाहिए।पको शिवजी की पूजा सूर्योदय से पहले कर लेनी चाहिए, क्योंकि यह मुहूर्त बहुत ही शुभ होता है और इसमें आपकी पूजा करना बहुत ही शुभदायी मानी जाती है। यदि आप सावन सोमवार का व्रत रख रहे हैं तो आपको मंगलवार को पार्वतीजी के लिए व्रत रखना चाहिए, इससे आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और आपकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। इस दिन आपको मंदिर में जाकर भक्ति भाव से पूजा करनी चाहिए। आपको शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, दूध अवश्य चढ़ाना चाहिए, क्योंकि इनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

सावन सोमवार व्रत में आपको शिवलिंग का अभिषेक शंख से नहीं करना चाहिए, क्योंकि शंख शिव की पूजा में वर्जित होता है। आपको भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा एक साथ करनी चाहिए। इस दिन आपको शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं लगानी चाहिए, बल्कि जहां पर दूध की धार रहती है वहीं से उल्टा लौट आना चाहिए। आपको सावन सोमवार में शिवजी को चंदन अर्पित करना चाहिए और इसी से तिलक लगाना चाहिए।. आपको पूरे सावन अपने इंद्रियों पर काबू रखना चाहिए और किसी के बारे में बुरा नहीं सोचना चाहिए, ना ही आपको किसी का बुरा करना चाहिए। पूरे सावन भोलेनाथ को अर्पित किए गए, इसीलिए आपको पूरे सावन कोई भी गलत काम नहीं करने चाहिए, ना ही अपने मन में क्रोध, लालच, ईर्ष्या रखनी चाहिए।. आपको इस दिन सभी का सम्मान करना चाहिए और सभी से संयम से बोलना चाहिए।

आपको पूरे सावन सादा भोजन करना चाहिए। यदि आपने सावन सोमवार का व्रत रखा है तो आपको दोनों समय भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए और भजन कीर्तन करना चाहिए। अगर आप विवाहित है तो आपको पूरे सावन ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिए, अगर आपसे पूरे सावन नहीं हो पा रहा है तो आपको सोमवार वाले दिन इसका जरूर ध्यान रखना चाहिए। आपको पूरे सावन बालों को नहीं काटना चाहिए, ना ही अपने नाखूनों को काटना चाहिए। यदि आपने सावन सोमवार का व्रत रखा है तो आप इसमें एक समय फलाहार कर सकते हैं। आपको इस व्रत में सेंधा नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस व्रत में मीठा भोजन किया जाता है।

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