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Uttar Pradesh News: लखनऊ। उत्तरप्रदेश सरकार ने नकल रोकने हेतु बड़ा कदम उठाया है। अब नकल करने वाले परीक्षार्थियों के साथ ही नकल करवाने वाले परीक्षकों व केंद्राध्यक्ष पर भी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही होगी। योगी सरकार ने इसका निर्णय लिया है। साथ ही दोषी पाए जाने पर संपत्ति जब्ती की कार्यवाही भी की जाएगी। नकल माफियाओं पर नकेल कसने योगी सरकार ने यह निर्णय लिया है।
यूपी में 16 फरवरी से हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी की परीक्षाएं शुरू हो रही है। जो 4 मार्च तक चलेंगी। परीक्षा में नकल माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए इस बार योगी सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। जिसके तहत प्रश्नपत्र को रखने के लिए प्रिंसिपल के कमरें में अलग से स्ट्रांग रूम बनाये जा रहे हैं। परीक्षा प्रदेश भर के कुल 8752 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित होगी। कुल 58 लाख 67 हजार 329 परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होंगे। प्रदेश के सभी जिलों में कन्ट्रोल रुम बनाये जा रहे हैं। जो राजधानी लखनऊ के कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे। इस बार कॉपियों में बार कोड़ सिस्टम बनाया गया है। करीब साढ़े तीन करोड़ कॉपियों में बार कोड़ का इस्तेमाल पहली बार होगा। कॉपियों की रैंडम चेकिंग भी की जाएगी।
सामूहिक नकल की जानकारी होने पर उस केंद्र की परीक्षा निरस्त करने के साथ ही परीक्षा केंद्र को फौरन डिबार भी कर दिया जाएगा। साथ ही नकल मारने वाले परीक्षार्थियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए के तहत कार्यवाही की जाएगी। इसमें नकल मरवाने में शामिल रहने वाले परीक्षक, केंद्राध्यक्ष अथवा केंद्र के बाहर खड़ी भीड़ पर भी एफआईआर के अलावा एनएसए के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रावधानों के तहत यह राष्ट्र द्रोह या राज्य द्रोह का मामला है। जिस भी व्यक्ति से राज्य या राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा नजर आता है तो उसे बिना एफआईआर के भी सरकार गिरफ्तार कर सकती हैं। और व्यक्ति को बिना आरोपों के भी और बिना एफआईआर के 3 महीने तक के लिए जेल में रखा जा सकता है। इस दौरान उसे जमानत की पात्रता नही होगी। इसकी अवधि बढ़ाकर 12 महीनों तक की जा सकती हैं।