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Wireless EV Charging : ट्रैफिक सिग्नल पर चार्ज होगी इलेक्ट्रिक कार! इस शहर में चल रहा पायलट प्रोजेक्ट

इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड के चलते मैन्युफैक्चरर कंपनियां आये दिन नई नई चीजों की खोज करने में लगी हुई हैं, ताकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के चलन में और तेजी लायी जा सके. क्योंकि अभी काफी लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर रुख करने में संकोच कर रहे हैं. जिसकी वजह इसकी अपर्याप्त रेंज और चार्जिंग की समस्या है. लेकिन एक वायरलेस कार चार्जिंग के पायलट प्रोजेक्ट के चलते जल्द ही इससे मुक्ति मिल सकती.

कैसे काम करती है वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी

इस प्रोजेक्ट के तहत टोक्यो विश्वविद्यालय ने इन-मोशन बिजली सप्लाई सिस्टम को डेवलप किया है. रिसचर्र इस सिस्टम के ड्यूरेबिलिटी, एबिलिटी और वाहन को लगातार चार्ज करने की क्षमताओं का परीक्षण करना चाहते हैं. इस सिस्टम में प्रीकास्ट चार्जिंग कॉइल्स को ट्रैफिक लाइट के सामने सड़क की सतह में लगाया गया है. वायरलेस चार्जर से करंट तभी गुजरता है जब सड़क पर किसी इलेक्ट्रिक वाहन की मौजूदगी का पता चलता है.

इस सिस्टम के सुचारू रूप से काम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के टायरों में एक विशेष तरह का डिवाइस लगाया गया है. जो कि ट्रैफिक सिग्नल से निकलने वाले इलेक्ट्रिकसिटी को ऑब्जर्व करते हैं और कार की बैटरी को उर्जा भेजकर उसे चार्ज करने की प्रक्रिया शुरू होती है. हालांकि ये तभी संभव है जब वाहन की रफ्तार धीमी हो, ट्रैफिक सिग्नल पर आमतौर पर वाहनों की रफ्तार धीमी होती है या फिर वाहन थोड़ी देर के लिए रूकते हैं.

बताया जा रहा है कि, जिन इलेक्ट्रिक कारों (Electric Cars) में बिजली प्राप्त करने के लिए टायरों के पास विशेष उपकरण लगाए गए हैं, वे धीमे होने पर चार्ज हो जाते हैं. इस कॉइल के पास से यदि कार तकरीबन 10 सेकंड तक गुजरती है तो उसकी बैटरी इतनी चार्ज हो जाती है कि उसे लगभग 1 किमी (0.6 मील) की रेंज मिलती है. फिलहाल, इसे कुछ सिग्नल्स पर ही लगाया गया है और यदि सबकुछ सही रहा और प्रोजेक्ट सकारात्मक दिशा में चलता है तो इसे कई अन्य ट्रैफिक सिग्नल्स पर लगाने की योजना है.

इस प्रोजेक्ट की देखरेख कई प्रमुख ऑटो से जुड़ी कंपनियों के साथ-साथ टोक्यो और चिबा विश्वविद्यालयों द्वारा की जा रही है.
यह, निश्चित रूप से, अपने शुरुआती चरण में एक टेस्टिंग है. लेकिन संभावित रूप से यह सुनिश्चित करने के कई अनूठे तरीके खोल सकता है कि भविष्य के वाहनों को विभिन्न प्रकार के स्रोतों से पावर मिल सके. इस समय ईवी-चार्जिंग हाईवे की पहले से ही टेस्टिंग की जा रही है. इन हावई में विशेष रूप से बनी सड़कों पर चलने के दौरान ईवी की बैटरी को चार्ज किया जा सकता है.

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